डॉ. दशरथ मसानिया, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
भाषा कौशल में रखो,चार बात को ध्यान ।
सुनत बदत सीखत रहो,पढ़न लिखन को ज्ञान।१
भाषा में तुम सब लखो,साहित अरु इतिहास ।
व्याकरण का ज्ञान करें, फिर कीजे विश्वास ।।२
भाष विभाषा बोलियाँ, साहित्य के संजोग ।
सूचन प्रेरण रस भरे,अरु चिंतन उपयोग।।३
मध्यदेश की बोलियाँ, बघेली अरु निमाड़।
ब्रज बुंदेली मालवी, अरु छत्तीसा जान।।४
देवनागरी कोष में,अं पहले है आन।
स्वर व्यंजन पहचानिए, ह आखिर में जान।।५
कक्ष जज्ञ अरु तत्र का, सदा राखिये ध्यान ।
शब्दकोश को जानिए,कहत हैं कवि मसान।।६
जैसे कह वैसे लिखें,वैसे ही पठ आन ।
वैज्ञानिक लिपि है यह,कहते कवी मसान ।।७
देवनाग लिपि वर्ण में ,बहु भाषा को ज्ञान ।
चौदह माहेश सूत में, पाणिनि दिया प्रमाण ।।८
हिन्दी नेपल संस्कृता, आसम अरू मराठ।
जन जन की बन लेखनी,गद्य पद्य का पाठ ।।९
दरबार कोठी 23, गवलीपुरा आगर, (मालवा) मध्यप्रदेश
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