अनंत चतुर्दशी पर नगर में भव्य जल कलश यात्रा निकाली

शि.वा.ब्यूरो,  देवबंद। दशलक्षण पर्व के अंतिम दिन जैन समाज के लोगों द्वारा उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म की पूजा-अर्चना की गई। वहीं, अनंत चतुर्दशी के पावन पर्व पर देवबंद नगर में परंपरागत भव्य जल कलश यात्रा धूमधाम से निकाली गई। बच्चों ने इंद्रों का रूप धारण कर मंदिर जाकर सहस्त्र कलशों से श्रीजी का अभिषेक किया। आज भगवान श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर सरागवाड़ा से अनंत चतुर्दशी पर्व पर भव्य जलकलश यात्रा प्रारंभ हुई, जिसमें समाज के बच्चों समेत युवाओं और बुजुर्गों ने इंद्र का रूप धारण कर नगर भ्रमण कर लोगों को अहिंसा का संदेश दिया। 

जल कलश यात्रा श्री दिगंबर जैन मंदिर बाहरा, श्री दिगंबर जैन मंदिर कानूनगोयान, जनकपुरी, हनुमान चौक, मेन बाजार और एमबीडी चौक से होते हुए श्री दिगबंर जैन मंदिर नेचलगढ़ पहुंची। जहां पर इंद्र बने श्रद्धालुओं ने अपनी लुटिया में जल भरकर श्रीजी का अभिषेक किया। इसके उपरांत यात्रा पुन: इन्हीं मार्गों से होते हुए मंदिर सरागवाड़ा मंदिर में आकर संपन्न हुई। 

आचार्य प्रदीप शास्त्री पीयूष ने बताया कि अनंत चतुर्दशी का दिन जैन ग्रंथों के अनुसार महत्वपूर्ण होने के साथ ही ब्रह्मचर्य व्रत धारण करने की शिक्षा देता है। इस दौरान भजनों से वातावरण भक्तिमय हो गया। जैन समाज द्वारा श्री 1008 भगवान वासु पूज्य जी के निर्वाण महोत्सव पर निर्वाण लाडू अर्पित कर प्रभु का गुणगान किया गया।

इस मौके पर सतीश जैन, मनोज जैन (पिल्लू) विभोर जैन, आर्रव जैन, द्रव्य जैन, विपुल जैन, अतुल जैन, उदित जैन, नमन जैन, सुदेश जैन, उत्सव जैन, मिलिंद जैन, आर्जव जैन, प्रांशु जैन, शुभम जैन, ऋषभ जैन, लक्ष्य जैन, रजत जैन व सिद्धांत जैन आदि मौजूद रहे।


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