शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। वस्तु एवं व्यापार कर विभाग में कार्यरत एक वरिष्ठ अधिकारी का मानना है कि उत्तर प्रदेश में अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग में सुधार की बहुत आवश्यकता है। उनका व्यक्तिगत रूप से ये मानना है कि किसी भी अफसर का पहली पोस्टिंग ग्रामीण क्षेत्र में ही की जानी चाहिए, जिससे उस अधिकारी को बेसिक चीजें सीखने का पयाप्त अवसर प्राप्त हो सके, उसके बाद सेवाकाल (अनुभव) के अनुसार उसकी नियुक्ति उपनगरीय, नगरीय व महानगरीय क्षेत्रों में की जाये तो वह अनुभव के बल पर अच्छा प्रफाॅम कर सकेगा।
शिक्षा वाहिनी को एक भेंटवार्ता में उक्त वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रथम नियुक्ति के समय किसी भी अधिकारी की उम्र सीखने की ही होती है, जिसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक अवसर प्राप्त होते हैं। इसके अलावा उसके ऊपर बच्चों की पढ़ायी-लिखायी आदि पारिवारिक जिम्मेदारियां भी अपेक्षाकृत कम होती है, क्योंकि अपनी सर्विस के प्रारम्भिक काल में कोई भी अधिकारी युवावस्था में होता है। ऐसे में कुछ की शादी ही नहीं होती, तो कुछ की शादी होने के बावजूद या तो बच्चे होते ही नहीं या होते हैं तो काफी छोटे होते हैं, जिनकी पढ़ायी-लिखायी कहीं भी करायी जा सकती है। ऐसे में उसमें एनर्जी भी अपेक्षाकृत अधिक होती, जिसके चलते उसके द्वारा अधिक मेहनत के कार्य भी आसानी से कर लेना सम्भव होता है।
उन्होंने बताया कि उसके बाद ग्रामीण क्षेत्र से प्राप्त अनुभव के बल पर वह बाद में उप नगरीय, नगरीय व महानगरीय क्षेत्रों में अपनी नियुक्ति के दौरान उसका लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही इसके साथ ही वे अपनी व्यक्तिगत जिम्मेदारियों (बच्चों की पढ़ायी-लिखायी सहित प्रतियोगितात्मक परीक्षा आदि) का निवर्हन भी कुशलता पूर्वक कर सकेंगे।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग में ऐसी कोई व्यवस्था लागू नहीं है, जिसके चलते किसी अफसर की पहली नियुक्ति महानगरीय क्षेत्र में हो जाती है तो वरिष्ठ अधिकारी अपनी सेवाकाल के अन्तिम दिनों में भी ग्रामीण क्षेत्रों में धक्के खा रहा होता है। ऐसी परिस्थितियों में कई बार अफसर अपनी क्षमता का दस प्रतिशत भी सरकारी कार्यों में नहीं दे पाते हैं तो दूसरी और अपनी व्यक्तिगत जिम्मेदारियों (बच्चों की पढ़ायी-लिखायी सहित प्रतियोगितात्मक परीक्षा आदि) को भी सही ढ़ंग से निभा पाने में कठिनाई महसूस करते हैं। सूत्रों की मानें तो स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सकों की प्रथम नियुक्ति ग्रामीण क्षेत्रों में किये जाने का प्रावधान है, लेकिन वहां भी इसका सही ढ़ंग से पालन नहीं किया जा रहा है।