स्नेहा सिंघल, शिलचर। राजभाषा हिंदी संयुक्त सुरक्षा समिति के प्रतिनिधि मंडल की एक बैठक हिंदी भवन नई शिलचर में आज संपन्न हुई। आचार्य आनंद शास्त्री के अध्यक्षता में आयोजित बैठक में समिति ने हिंदी शिक्षकों के खाली पदों को यथाशीघ्र भर्ती करने की मांग दोहराई। सभा में आचार्य जी ने आशा व्यक्त किया कि जल्दी ही असम सरकार हिंदी शिक्षकों के खाली पदों की भारती के लिए विज्ञापन जारी करेगी। इसके लिए सभा में सरकार के प्रति अग्रिम आभार प्रदर्शन का प्रस्ताव भी स्वीकार किया गया। साथ ही समिति का सहयोग करने के लिए लखीपुर के विधायक कौशिक राय तथा राताबाड़ी के विधायक विजय मालाकार के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
शिक्षा मंत्री के अनुरोध पर बैठक में समिति को पंजीकृत कराने के लिए प्रस्ताव गृहित हुआ। तथ्य संग्रह के लिए आचार्य आनंद शास्त्री के नेतृत्व में 7 सदस्यों की टीम बनाई गई, जिसमें प्रदीप कुर्मी, दुर्गेश कुर्मी, प्रेमराज ग्वाला, गोलक ग्वाला, प्रेमचंद राय शर्मा और कंचन सिंह शामिल है। 7 सदस्य टीम को यह पता लगाना है कि कहां-कहां हिंदी शिक्षकों की आवश्यकता है और किन विद्यालय में हिंदी शिक्षक उपलब्ध है, किस विद्यालय में हिंदी के कितने छात्र हैं।
बैठक में हिंदी टेट उत्तीर्ण अभ्यर्थियों तथा वर्तमान हिंदी शिक्षकों की एक सभा बुलाने पर भी विचार विमर्श किया गया। आचार्य आनंद शास्त्री, दिलीप कुमार और प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्यों ने गुवाहाटी में शिक्षा मंत्री के साथ हुई मुलाकात का ब्यौरा प्रस्तुत किया। हिंदीभाषी उन्नयन परिषद के चेयरमैन युगल किशोर पांडेय ने कहा कि सरकार हिंदी भाषियों के लिए सभी सुविधा देने को तैयार है लेकिन इसके लिए कोशिश करना पड़ेगा जैसा कि अभी शिलचर में हो रहा है।
मुख्यमंत्री डॉक्टर हिमंत विश्वशर्मा की प्रशंसा करते हुए पांडेयजी ने कहा कि मुख्यमंत्री पूरे देश में असम का नाम रोशन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि असम में 46 लाख हिंदीभाषी है। अन्य वक्ताओं में बाबुल नारायण कानू, दुर्गेश कुर्मी, कंचन सिंह, प्रदीप कुर्मी, राजदीप राय, राजन कुंवर, जुगल किशोर त्रिपाठी, गोलक ग्वाला, मनोज शाह आदि ने समाज के समक्ष आने वाली समस्याओं का सामना एकजुट होकर करने पर बल दिया। इसके लिए सभी ने संगठन को मजबूत बनाने का संकल्प लिया। अन्य उपस्थित विशिष्ट व्यक्तियों में डा. बैकुंठ ग्वाला, गणेश लाल छत्री, अनंत लाल कुर्मी, प्रेमचंद राय शर्मा, जयप्रकाश गुप्ता आदि शामिल थे।
बैठक में बराक हिंदी साहित्य समिति, बराक चाय श्रमिक यूनियन, हिंदीभाषी समन्वय मंच, भोजपुरी परिषद, हिंदीभाषी एवं चाय जन समुदाय मंच, सर्व हिंदुस्तानी युवा परिषद, साउथ असम टी यूथ एसोसिएशन, हिंदीभाषी युवा मंच तथा बराक चाय जन जागृति मंच के प्रतिनिधि उपस्थित थे।