नो केन की समस्या से जूझ रही चीनी मिलें

शि.वा.ब्यूरो, सहारनपुर। मंडल की सभी चीनी मिलें गन्ना आपूर्ति को लेकर जूझ रही हैं, जिससे इस बार चीनी का उत्पादन घटने का खतरो बना हुआ है। बता दें कि अकेले सहारनपुर जनपद में आठ चीनी मिलें हैं और सभी नो केन की समस्या से जूझ रही हैं।

जिला गन्ना अधिकारी सुशील कुमार के मुताबिक इस बार ज्यादा बारिश और चोटी भेदक रोग के कारण गन्ने की फसल कम हुई है। उन्होंने बताया कि समय पर भुगतान करने वाली देवबंद चीनी मिल को एक लाख क्विंटल गन्ना आपूर्ति हो रही है, जबकि उसे सवा लाख क्विंटल से ज्यादा गन्ना प्रतिदिन चाहिए। उन्होंने बताया कि जनपद की सभी आठ चीनी मिलों को पिछले 24 घंटे में केवल तीन लाख पच्चीस हजार ही गन्ने की आपूर्ति हो पाई है। उन्होंने बताया कि टोडरपुर चीनी मिल को गन्ना आपूर्ति नहीं हो पा रही है, जबकि बिड़वी चीनी मिल को केवल ग्यारह हजार क्विंटल गन्ना प्रतिदिन मिल पा रहा है। उन्होंने बताया कि बजाज समूह की गांगनोली को 44 हजार प्रति क्विंटल प्रतिदिन, शेरमऊ चीनी मिल को 65 हजार क्विंटल प्रतिदिन और गागलहेड़ी चीनी मिल को 18 हजार क्विंटल गन्ना प्रतिदिन मिल रहा है। उन्होंने बताया कि ननोता चीनी मिल को 49 हजार और सरसावा को मात्र 27 हजार क्विंटल प्रति दिन गन्ना आपूर्ति हो पा रही है।

डीसीओ ने बताया कि पिछले सीजन में आज की तारीख तक चीनी मिलों ने 190 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई की थी, जबकि इस बार 222 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई हो चुकी है। उन्होंने बताया कि पिछले सीजन में जिले की सात चीनी मिलों ने पेराई की थी, जबकि इस बार आठ चीनी सभी मिलें पेराई कर रही हैं, इसलिए भी चीनी मिलें नो केन की समस्या से जूझने पर मजबूर हैं। जनपद की एक चीनी मिल के यूनिट हैड़ ने शिक्षा वाहिनी को अपना नाम प्रकाशित न करने की शर्त प बताया कि विभिन्न परिस्थितियों के चलते चीनी मिलें नो केन की समस्या से जूझ रहीं हैं, लेकिन यदि सरकार चाहती तो नो केन की समस्या कुछ कम हो सकती थी। उन्होंने बताया कि किसान आंदोलन के कारण काफी विलम्ब से संचालित हुई मंडल के निकटवर्ती जनपद शामली की चीनी मिल का गन्ना दलालों के माध्यम से हरियाणा और उत्तरांचल की चीनी मिलों ने हड़प लिया, सरकारी नीतियों के चलते मंडल की चीनी मिलें इस गन्ने से वंचित रहीं। उन्होंने कहा कि यदि उन्हें भी सरकार की ओर से कुछ मिल जाती तो वे भी अपने तरीके से गन्ने की खरीद करके नो केन की समस्या को कुछ कम कर सकती थी।

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