पलटी मारना ग्रह नक्षत्रों का खेल

मदन सुमित्रा सिंघल, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। 
बात करके मुकर्रर जाना अनेक लोगों की फिदरत होती है जो प्राय ब्रांडेड बन जाता है उस व्यक्ति पर कोई विश्वास नहीं करता लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जनता भी विश्वास करती है। भारतीय जनता पार्टी एवं राष्ट्रीय जनता दल भी विश्वास करती है जो अनापशनाप बयान जरूर देती है लेकिन पलक पांवङे बिछाकर अपने आगोश में लेने को तैयार रहते हैं। निश्चित रूप में नीतीश कुमार एक ईमानदार एवं श्रमशील राजनितिज्ञ है लेकिन बार बार पलटी मारना उनकी फिदरत नहीं बल्कि कोई ग्रह नक्षत्रों का खेल है। 
     नीतीश कुमार इतने कम समय में नौ बार मुख्यमंत्री बन गए यह कोई मामूली बात नहीं है। राजनीति में उठापटक एक प्रयोग बन चूका है इसलिए नये नये प्रयोग किए जाते हैं। 
   नीतीश कुमार राष्ट्रीय राजनीति में अटल बिहारी वाजपेयी के मंत्री मंडल में रेल मंत्री बनकर काफी काम किया तो बिहार में  मुख्यमंत्री बनकर विकास कुमार के नाम से जाने जाने लगे। जब प्रधान मंत्री बनने का सपना देखने के कारण सारे विपक्षी दलों के सिरमोर बनकर राष्ट्रीय राजनीति में तांडव मचा दिया लेकिन अनमेल गठबंधन में सभी राजनीति के खिलाङी अपने अपने दांव आजमाने लगे तो भाजपा ने भी इस गठबंधन को तोड़ने के प्रयास किए। 
   आजादी के बाद खुलकर अपने मंसूबे राष्ट्रीय फलक पर आने लगे जो आज तक इतने मुखर राजनेता कभी नहीं हुए। खैर चाहे नीतीश कुमार मंझे हुए राजनितिज्ञ हो अथवा झांसे में फंसने वाले हो उनकी कोई हानि नहीं हुई। वो अपने पद पर आन बान एवं शान से बने रहे। 
    राजनीति में नैतिकता ईमानदारी मर्यादा का युग खत्म हो गया अब खुलकर शाम दाम दंड एवं भेद से हटकर नये नये प्रयोग किया जा रहा है जो कहीं फिट तो कहीं चित कर जाते हैं। 
   राजनीति में संयोग राजयोग एवं प्रयोग कब काम आ जाए कहा नहीं जा सकता इसलिए किसी को पलटमार किसी को झपटमार कहने की बजाय होनहार खिलाड़ी कहा जाना चाहिए। 
पत्रकार एवं साहित्यकार शिलचर, असम

Post a Comment

Previous Post Next Post