कानून बनने के बावजूद हो रही हैं तीन तलाक की घटनाएं, पुलिस पूरी तरह से संवेदनशील

शि.वा.ब्यूरो, सहारनपुर। पांच साल पहले 1 अगस्त 2019 को मोदी सरकार ने एक ही बार में तलाक दिए जाने को गैर कानूनी बनाने और तलाक देने वाले शौहर को कड़ी सजा देने का कानून बनाया था तब उम्मीद की गई थी कि इससे मुस्लिम महिलाओं को बड़ी राहत मिलेगी, लेकिन सच्चाई इसके विपरीत सामने आई।

जिले में तीन तलाक की बढ़ती घटनाओं का अनुमान इसी से हो जाता है कि पिछले एक साल में 117 मुकदमें तीन तलाक की धाराओं में दर्ज किए गए हैं। मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण कानून तलाक दिए जाने से इन महिलाओं की कोई सुरक्षा नहीं कर पाया। एसएसपी डा. विपिन ताडा ने इस संबंध में आज बताया कि पुलिस ने तीन तलाक पीड़िताओं की शिकायतों पर कानून के मुताबिक मुकदमें दर्ज किए हैं और सभी में कार्रवाई की है। इस कानून के मुताबिक पत्नी को तलाक देने वाले उसके शौहर को तीन साल तक की सजा हो सकती है। एसएसपी कहते हैं कि जिले में महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों को लेकर पुलिस पूरी तरह से संवेदनशील है।

Post a Comment

Previous Post Next Post