रालोद-भाजपा गठबन्धन का सबसे ज्यादा फायदा भाजपा को

हवलेश कुमार पटेल, मुजफ्फरनगर। राष्ट्रीय  लोक दल के पूर्व पदाधिकारी एडवोकेट रोबिन चौधरी ने शिक्षा वाहिनी को एक भेटवार्ता के दौरान एक प्रश्न के जवाब में बताया कि राष्ट्रीय लोक दल का हर कार्यकर्ता व पदाधिकारी जयंत चौधरी के हर फैसले में आंखे बंद करके साथ है। उन्होंने आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा के साथ हुए रालोद के गठबन्धन पर भी अपनी बेबाक राय व्यक्त की।

एक प्रश्न के जवाब में युवा रालोद के पूर्व सक्रिय पदाधिकारी ने रोबिन चौधरी ने बताया कि रालोद-भाजपा गठबन्धन को सबसे ज्यादा फायदा भाजपा को होगा, जिसका सीधा नुकसान समाजवादी पार्टी को पहुंचेगा। उन्होंने बताया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में रालोद का इतना प्रभाव है कि गठबन्धन न होने की स्थिति में भले ही वह यहां अपने प्रत्याशियों को जिताने में कामयाब न हो सके, लेकिन उसके द्वारा जो वोट प्रतिशत प्राप्त किया जाता, उससे भाजपा को सीधा नुकसान पहुंच सकता था और उसका फायदा समाजवादी पार्टी को पहुंचता। उन्होंने आगामी लोकसभा चुनाव पर सरसरी तौर पर समीक्षात्मक टिपण्णी करते हुए कहा कि यहां से चुनाव लड़ रहे डाॅ. संजीव बालियान को हालांकि तीसरी बार चुनाव लड़ने के कारण स्वाभाविक इन्कमबैंसी का नुकसान तो हो सकता है, लेकिन उनके साथ एक प्लस प्वांट यह है कि वे लोकसभा चुनाव को भी प्रधानी के चुनावी की तरह ही लड़ते हैं। उन्होंने इसका खुलासा करते हुए स्पष्ट किया कि वे जिस तरह ग्राम प्रधान के चुनाव में प्रत्याशी हर वोटर तक अपनी पहुंच बनाने की कोशिश करता है, उसी तरह की कोशिश डाॅ.संजीव बालियान लोकसभा चुनाव के लिए कर रहे हैं। यानी वे हर वोटर तक पहुंचने की कोशिश कर रहे है, जबकि अन्य पार्टियां इससे कोसो दूर हैं। 

एक प्रश्न के जवाब में रोबिन चौधरी ने कहा कि रालोद सुप्रीमों जयंत चौधरी क्योंकि सभी महत्वपूर्ण अपनी पार्टी के बुद्धिजीवियों के साथ चर्चा करके ही लेते हैं, इसलिए रालोद के हर कार्यकर्ता व पधाधिकारी की राय उसमें सम्मिलित होती है और वे उस पर आंख मूंद कर अमल भी करते हैं। जयंत चौधरी चाहे समाजवादी पार्टी के साथ जाने का फैसला करें, चाहें बसपा, कांग्रेस और चाहें अब भाजपा के साथ जाने का फैसला हो, सबमें पार्टी का हर सिपार्ही उनके साथ है। उन्होंने कहा कि भाजपा के डाॅ. संजीव बालियान के विरूद्ध चुनाव लड़ रहे सपा प्रत्याशी  हरेन्द्र मलिक की भी हालांकि पुरानी राजनीतिक पृष्ठभूमि है और जी-जान से चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन डाॅ.संजीव बालियान की जीत निश्चित है, लेकिन जीत इतनी आसान भी नहीं दिख रही है।

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