समाजवादी पार्टी ने देवबंद निवासी जसबीर बाल्मिकी को हाथरस सुरक्षित सीट से उम्मीदवार बनाया

गौरव सिंघल, देवबंद। समाजवादी पार्टी ने इस बार पश्चिमी उत्तर प्रदेश की दो प्रमुख सीटों बिजनौर और मेरठ से दलित जाति के उम्मीदवारों को उतारकर नया प्रयोग किया है। अखिलेश यादव इस बार पहले ही कह चुके हैं कि उनकी पार्टी पिछड़ा, दलित और मुस्लिमों के गठजोड़ पर चुनाव लड़ेगी। उसी को ध्यान में रखते हुए अखिलेश यादव ने मुस्लिम बहुल बिजनौर सामान्य सीट से पूर्व सांसद अनुसूचित धोबी जाति के यशबीर सिंह को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। उनका मुकाबला मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट से रालोद विधायक एवं युवा राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंदन चौहान करेंगे।

अखिलेश यादव ने सहारनपुर मंडल की कैराना लोकसभा सीट से पूर्व सांसद दिवंगत मुनव्वर हसन की बेटी इकरा हसन को उम्मीदवार बनाया है। इकरा हसन के बड़े भाई नाहिद हसन कैराना से सपा के विधायक हैं। इकरा हसन की मां तब्बसुम हसन दो बार सांसद रह चुकी हैं। अखिलेश यादव ने मेरठ सामान्य सीट पर अनुसूचित जाति के भानु प्रताप सिंह को उम्मीदवार बनाकर सबको चौंका दिया है। उनकी रणनीति से प्रतीत होता है कि वह मायावती के दलित वोटों में सेंधमारी करने का इरादा रखते हैं। सपा ने नगीना सुरक्षित सीट से पूर्व अपर जिला जज मनोज कुमार को अपना उम्मीदवार बनाया है। इस सीट पर भाजपा ने नेहटोर (सुरक्षित) से अपने विधायक ओमकुमार को प्रत्याशी बनाया है। बसपा ने अभी नगीना सीट पर उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। 

पिछले चुनाव में बसपा से गिरीश चंद्र सांसद चुने गए थे। नगीना सीट 2008 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई थी। नगीना सीट पर 50 फीसद मुस्लिम मतदाता हैं। अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्त्ता और देवबंद निवासी युवा जसबीर बाल्मिकी को हाथरस (सुरक्षित) सीट से उम्मीदवार बनाया है। हाथरस लोकसभा क्षेत्र में बाल्मिकी समाज की बहुलता है और वहां से पूर्व में बाल्मिकी समाज के ही ज्यादातर सांसद निर्वाचित हुए हैं। जसबीर बाल्मिकी ने इस संवाददाता को बताया कि वह बिरादरीवाद से ऊपर उठकर सभी जातियों और वर्गों की सेवा करेंगे। उन्होंने उन्हें उम्मीदवार बनाए जाने के लिए अखिलेश यादव का आभार जताया और कहा कि अखिलेश यादव अकेले ऐसे नेता हैं जिन्होंने बाल्मिकी समाज को सम्मान देने का काम किया है। जसबीर बाल्मिकी का लोकसभा का यह पहला चुनाव होगा। इससे पूर्व भी पूर्व में जसबीर बाल्मिकी को सहारनपुर की रामपुर मनिहारान (सुरक्षित) सीट से उम्मीदवार घोषित किया गया था लेकिन बाद में उनकी उम्मीदवारी वापस ले ली गई थी, इसके बावजूद जसबीर बाल्मिकी की अखिलेश यादव से निष्ठा बनी रही और वह समाजवादी पार्टी में जी-जान से सक्रिय रहे इसी का नतीजा है कि आज उन्हें चुनाव लड़ने के लिए एक बड़ा मंच मिला है। उन्होंने बाल्मिकी समाज की ओर से भी अखिलेश यादव का आभार जताया है। 

अखिलेश यादव मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से जाट बिरादरी के प्रमुख नेता और पूर्व राज्यसभा सदस्य हरेंद्र मलिक को उम्मीदवार घोषित कर चुके हैं, जिनका मुकाबला भाजपा उम्मीदवार और केंद्रीय मंत्री डा. संजीव बालियान से होगा। हरेंद्र मलिक के बेटे पंकज मलिक मुजफ्फरनगर की चरथावल सीट से सपा के विधायक हैं। पंकज मलिक पूर्व में कांग्रेस विधायक रह चुके हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में मुजफ्फरनगर सीट पर भाजपा के डा. संजीव बालियान ने चौधरी अजीत सिंह को कड़े मुकाबले में पराजित कर सनसनी फैला दी थी। इस बार स्थितियां बदली हुई हैं और किसानों की पार्टी राष्ट्रीय लोकदल भाजपा के साथ गठबंधन में है। जयंत चौधरी ने मुजफ्फरनगर सीट पर भाजपा को जिताने की अपील की है और पार्टी के स्थानीय कार्यकर्त्ताओं और नेताओं को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे भाजपा उम्मीदवारों के समर्थन में जी-जान से जुटे। 

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