संजना, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
मैंने हार मान ली,
पर मेरे मां बाप ने नहीं मानी
लोग जो मर्जी कहे पर ,
मेरे मां-बाप मेरी हर मुश्किल में साथ है। पापा ने चलना बताया ,
मां ने हंसना सिखाया,
मेरे मां-बाप ने मुझे जिंदगी
की हर जंग का सामना करना बताया । बिखरते बिखरते समेटा है मुझे, गिरते-गिरते संभाला है मुझे ,
रोते-रोते हंसाया है मुझे ,
लोगों से जलकर नहीं अपनी
मेहनत से आगे बढ़ना सिखाया है,
मेरे मां-बाप ने मुझे ।
कांगड़ा, हिमाचल