अट्ठावन पूरे भये (जन्म पर विशेष)

डॉ. दशरथ मसानिया,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। 
अट्ठावन पूरे भये,उनसठ का है आन।
सब संतों को नमन करुं,कहत हैं कवि मसान।।1
दिन में गर्मी बहुत थी,जेठ मास की धूप।
रात रंगीली चांदनी,समय हुआ अनुरूप।।2
आगर नगरी धन्य है, बैजनाथ का धाम।
भोले की ही कृपा से, पूर्ण हुये सब काम।।3
धीरे-धीरे बड़े भये, फिर दाखिल इस्कूल।
घर के काम काज भी, करते हम अनुकूल।।4
गर्मी की छुट्टी लगे,मामा के घर जाय।
बहुत बहुत आभार है, नाना नानी भाय।।5
छुक छुक छोटी रेल थी,सुन सीटी आवाज।
जल्दी जल्दी पहुंचते,जैसे उड़ती बाज।।6
चाराना में घोंसला, फिर मोटर के साथ।
वर्षा का मौसम रहे, सफर राम के हाथ।।7
सावन भादो मास में,उफने कालीसिंध।
बीच रोड़ मोटर रुके, फिर कहते जय हिन्द।।8
नौनिहालों में पहुंचते , माता रहती साथ।
मामा स्वागत में मिलें,गोद उठाते हाथ।।9
बालपने की मंडली,मामा करते प्यार।
नगर तराना हिय बसा, जंगल मंगल सार।।10
सौ ब्राह्मण को छोड़के, माना इक भानेज।
ऐसे प्रेमी भाव से, देते भोजन सेज।।11
बछड़ों के संग खेलते,पिये गाय का दूध।
जंगल जंगल दौड़ते, बनते सच्चे पूत।।12
तिलकेश्वर के रोड़ पर,अरु तलाब की पाल।
लाल फूल मंदिर बना, ऐसे थे खुशहाल।।13
सात साल नियमित पढ़े,बाकी स्वाध्याय।
इकतालिस शिक्षण दिया, नवाचार बहु भाय।।14
हाथी तो अब निकल गया, पूंछ बची है आज।
बैजनाथ जी कृपा करें, मेरी राखें लाज।।15
मातु शारदे आपको,शत शत बार प्रणाम।
विद्या मोही दीजिए, कहत है कवि मसान।।16
प्राचार्य शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय तनोड़िया, जिला- आगर (मालवा) मध्यप्रदेश

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