शि.वा.ब्यूरो, सहारनपुर। नगर निगम की तीन हेक्टेयर जमीन को वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज करने का एक बड़ा मामला सामने आया है। कमिश्नर डा. हृषिकेश भास्कर यशोद ने इस मामले में जिलाधिकारी सहारनपुर डा. दिनेश चंद्रा को पत्र भेजकर कहा कि इस मामले में पिछली कार्रवाई को निरस्त किया जाए और उक्त जमीन को पूर्व की भांति नगर निगम के रिकार्ड में दर्ज कर उस पर कब्जा लिया जाए। जानकारी के मुताबिक यह मामला बहुत पुराना है और फाइलों में ही दबकर रह गया।
जानकारी के मुताबिक 1994 में नगर निगम की तीन एकड़ जमीन वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज कर दी गई थी। जांच में पाया गया कि 1373 फसली भूमि कब्रिस्तान और मरघट के रूप में नगर निगम की संपत्ति के रूप में दर्ज थी। 1993 में तत्कालीन जिलाधिकारी हरभजन सिंह द्वारा नगर पालिका की इस भूमि को वाणिकी प्रभाग को पार्कों और वृक्षारोपण के लिए अधिकृत किया गया था। वर्ष 1994 में सचिव उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के 2 जून 1994 के पत्र द्वारा इस भूमि को वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज करने के आदेश दिए गए। तत्कालीन एडीएम वित्त एवं राजस्व ने 19 जुलाई 1994 को इस भूमि को वक्फ बोर्ड में दर्ज करा दिया। उन्होंने इस मामले में नगर पालिका का पक्ष भी नहीं सुना और ना ही इस संपत्ति के बारे में गहराई से जांच पड़ताल की।