युथ अगेंस्ट सोसल इल्विस ने सीयूइटी परिक्षाओं में विसंगतियों पर रोष जताया

मदन सुमित्रा सिंघल, शिलचर। शिक्षा मंत्रालय (असम) द्वारा आयोजित सीयूईटी परीक्षा आज संबंधित विभागों द्वारा कई विसंगतियों और कुप्रबंधन के साथ शुरू हुई। सबसे ज्यादा परेशान हैलाकांडी और करीमगंज जिलों के परीक्षार्थी थे, जहां सरकार द्वारा कोई सीयूईटी परीक्षा केंद्र उपलब्ध नहीं कराया गया था और सभी परीक्षार्थियों को संबंधित केंद्रों पर परीक्षा देने के लिए सिलचर भागना पड़ा। यह उन दोनों जिलों के परीक्षार्थियों के साथ सरासर अन्याय है। इसके अलावा परीक्षार्थियों को अलग-अलग विषयों की परीक्षा अलग-अलग दूर स्थानों पर, अलग-अलग तारीखों पर देनी होगी, जो सरकारी मशीनरी के कुप्रबंधन और सरकार की गलत सोच को साबित करता है। अधिकतर परीक्षार्थियों को अपने-अपने केंद्रों पर जाने के लिए न्यूनतम दस किलोमीटर से लेकर अधिकतम लगभग 100 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। महिलाओं को दूरी तय करने में सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ा  आज पता चला कि कई परीक्षा केंद्रों के कई कमरों में लाइट और पंखे नहीं थे, जिससे परीक्षार्थियों की मानसिकता खराब हो गई। कई केंद्रों में पीने का पानी भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं था। छात्र 1800 रुपये की फीस देकर परीक्षा में शामिल हुए, लेकिन असम सरकार की ओर से उन्हें पूरी तरह से कुप्रबंधन का शिकार होना पड़ा। YASE केंद्रीय समिति असम के मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, कछार के जिला आयुक्त और संबंधित विभागों से अनुरोध करती है कि वे इस मामले को सर्वोच्च प्राथमिकता और बहुत गंभीरता से लें और परीक्षार्थियों के पक्ष में आवश्यक कार्रवाई करें। YASE इस तरह के कुप्रबंधन की निंदा करता है। परीक्षार्थियों को वे सभी सुविधाएं मिलनी चाहिए, जिनके वे हकदार हैं। यह एक गंभीर अनुरोध है क्योंकि यह समय की मांग है।

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