शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। जिला प्रोबेशन अधिकारी संजय कुमार ने बताया कि दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961 के अन्तर्गत दहेज समाज की कुरूतियों को बढ़ावा देता है, जिससे समाज में अप्रिय घटनायें कारित होती रहती हैं। दहेज लेना एवं दहेज देना दहेज प्रतिषेध अधिनियम-1961 के अन्तर्गत अपराध माना गया है। कोई सम्पत्ति, मूल्यवान वस्तु या प्रति भूति जो विवाह में एक पक्ष द्वारा दूसरे पक्ष को दी जाये या देने का वादा किया जाये, वो दहेज है। हम सभी को उक्त कुरूती को खत्म करने हेतु सार्थक प्रयास किये जाने की नितान्त आवश्यकता है। दहेज लेना या देना या दहेज के लिये उकसाना दहेज प्रतिषेध अधिनियम-1961 के अतंर्गत अपराध है, जिसके लिये 5 साल तक की कैद अथवा 15,000/- रूपये या दहेज की रकम, जोभी अधिक हो, का जुर्माने का प्रावधान है। प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से दहेज की माँगपर 6 माह से 2 वर्ष तक की जेल तथा 10,000/- रुपये जुर्माने का प्रावधान है।
उन्होंने अवगत कराया है कि जनपद में दहेज से सम्बन्धित किसी भी प्रकार की शिकायत के लिये जिला दहेज प्रतिषेध अधिकारी/जिला प्रोबेशन अधिकारी कलेक्ट्रेट तथा स्थानीय पुलिस थाने में सम्पर्क किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त महिला कल्याण विभाग द्वारा संचालित वन स्टाप सेंटर, जिला चिकित्सालय में जाकर दहेज से सम्बन्धित शिकायती प्रार्थना पत्र दिये जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि वन स्टाप सेंटर के दूरभाष संख्या-9548984142, 0131-2644066 एवं टोल फ्री नम्बर 181 एवं 112 पर सम्पर्क किया जा सकता है।दहेज लेना एवं दहेज देना दहेज प्रतिषेध अधिनियम-1961 के अन्तर्गत अपराध
byHavlesh Kumar Patel
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