ग्लोकल यूनिवर्सिटी में एलएलबी, एमबीबीएस, बीबीए, एमबीए, बीसीए, एमसीए, बीए एमएस, बीटेक, एमटेक, बीएससी और एमएससी पाठ्यक्रम संचालित है। साथ ही बी-फार्मा, डी-फार्मा, एम-फार्मा, बीए, एमए, पीएचडी, पाठ्यक्रम भी संचालित हैं। जिलाधिकारी डा. दिनेश चंद्र के मुताबिक प्रशासन ने इस मामले में सरकारी निर्देशों के अनुपालन में जांच-पड़ताल कर सभी दस्तावेज शासन को भेजे थे। ध्यान रहे उत्तर प्रदेश में 2017 में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बनी सरकार के बाद कुख्यात, खनन माफिया हाजी इकबाल पर शिकंजा कसना शुरू हुआ था। तत्कालीन जिलाधिकारी प्रमोद कुमार पांडे ने इस यूनिवर्सिटी की गहराई से जांच-पड़ताल की थी। उससे पता चला था कि इस यूनिवर्सिटी की जमीन भी अवैध रूप से हथियाई गई और भवन निर्माण आदि में ब्लैक मनी का इस्तेमाल किया गया है। मौजूदा एसएसपी डा. विपिन ताडा और इनके पूर्ववर्ती एसएसपी आकाश तोमर ने इकबाल बाल्ला, उसके भाई एवं पुत्रों के खिलाफ चैतरफा कानूनी कार्रवाई की। इसके कारण फरार हाजी इकबाल को छोड़कर उसके भाई और चारों बेटे जेल के सीखचों के पीछे हैं।
गौरव सिंघल, सहारनपुर। पूर्व एमएलसी और फरार खनन माफिया हाजी इकबाल उर्फ बाल्ला के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अभी तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने सहारनपुर के मिर्जापुर पोल स्थित इकबाल बाल्ला की प्राइवेट यूनिवर्सिटी ग्लोकल यूनिवर्सिटी की 4400 करोड़ रूपए कीमत की 121 एकड़ भूमि पर बने सभी भवनों को जब्त कर लिया। यूनिवर्सिटी के कुलपति हाजी इकबाल लंबे समय से फरार हैं। उनका नाम राज्य के माफियाओं की सूची में भी दर्ज है। पुलिस के मुताबिक कई महीनों से इकबाल दुबई में शरण लिए हुए है। उनके भाई पूर्व बसपा एमएलसी महमूद अली और चार बेटे विभिन्न अपराधों में जेलों में बंद हैं। ग्लोकल यूनिवर्सिटी का संचालन अब्दुल वहीद एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट करता हैं जिसका प्रबंधन हाजी इकबाल और उसके परिवार के सदस्य करते हैं। ईडी ने 10 वर्ष पहले हाजी इकबाल के खिलाफ सीबीआई द्वारा दर्ज खनन घोटाले की पुलिस रिपोर्ट के आधार पर धन/शोधन कानून मनी लांड्रिंग के तहत दर्ज किया था। ईडी की जांच में सामने आया कि 500 करोड़ रूपए ट्रस्ट के माध्यम से ग्लोकल यूनिवर्सिटी में निवेश किए गए हैं।
वर्तमान में यनिवर्सिटी की भूमि और भवनों की कीमत 4440 करोड़ रूपए है। ईडी ने दो साल पहले भी देहरादून में इकबाल बाल्ला की 74 करोड़ रूपए जब्त किए थे। ग्लोकल यूनिवर्सिटी को ईडी द्वारा जब्त कर लिए जाने से उसके 4000 छात्रों और 700 कर्मचारियों के भविष्य पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। इस यूनिवर्सिटी के कुलपति पीके भारती ने आज बताया कि जो भी सरकार से निर्देश मिलेंगे। उनका पालन किया जाएगा। सहारनपुर स्थित मां शाकम्बरी यूनिवर्सिटी के कुलपति डा. हरिशंकर सिंह ने बताया कि 2019 में उत्तर प्रदेश सरकार ने प्राईवेट यूनिविटीज कानून बनाया था। जिसमें सरकार और राज्यपाल को यह अधिकार दिया गया था कि वह राष्ट्र विरोधी गतिविधियां और अन्य परिस्थितियों में निजी विश्वविद्यालयों की मान्यता रद्द कर सकती है और सरकार ऐसे विश्वविद्यालय को बंद कर सकती है। राज्यपाल विश्वविद्यालय के संस्थापक और कुलपति को भी हटा सकती है। सरकार विश्वविद्यालय में प्रशासक भी नियुक्त कर सकती है।