मदन सुमित्रा सिंघल, शिलचर। यूथ्स अगेंस्ट सोशल इविल्स (यासी) केंद्रीय समिति द्वारा प्रेस वार्ता आयोजित करने का कारण यह है कि पिछले कुछ दिनों से जेजेआईएमएस, डॉ. संबुद्ध धर और सोनाई के वार्ड कमिश्नर नेबुल इस्लाम लस्कर, जो डॉ. धर के अधीन उक्त अस्पताल में उपचाराधीन थे, के बीच अलग-अलग आरोप-प्रत्यारोप देखे जा रहे हैं। इस तरह की चल रही घटनाओं ने आम लोगों के प्रति डॉक्टरों के विश्वास को कम किया है और इसके विपरीत आम लोगों का डॉक्टरों के प्रति विश्वास कम हुआ है।
यूथ्स अगेंस्ट सोशल इविल्स का मानना है कि समाज के हित में ऐसे मामलों का जल्द से जल्द निपटारा किया जाना चाहिए। संबंधित पक्षों से हमारे तीन अनुरोध हैं: 1) अस्पताल प्राधिकरण नेबुल इस्लाम और परिवार के आरोपों को बहुत गंभीरता से लेना चाहिए और वास्तविक तथ्यों का पता लगाने के लिए तुरंत जांच करनी चाहिए 2) डॉ. धर से हमारा विनम्र अनुरोध है कि यदि संभव हो तो सर्जरी के दूसरे चरण की राशि मरीज के परिवार को लौटा दें। 3) हमारा नबुल लस्कर और परिवार से अनुरोध है कि वे आरोप-प्रत्यारोप से बचें और यदि उनके पास अन्य चिकित्सा प्राधिकरण से कोई दस्तावेजी प्रमाण पत्र या सबूत है कि डॉ.धर का इलाज गलत था तो उन्हें उस सबूत को सार्वजनिक डोमेन में लाना चाहिए या इस तरह के आरोपों को आगे नहीं बढ़ाना चाहिए।
यासी का मानना है किचूंकि दूसरे चरण के ऑपरेशन की आवश्यकता थी, क्योंकि मरीज अपने घर में गिर गया था (जैसा कि उसके परिवार ने दावा किया है) तो उस पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। वह सर्जरी जानबूझकर नहीं की गई थी। फिर भी यासी ने धन वापसी का अनुरोध किया है। बराक वैली न तो न्यूरो सर्जन को खोना चाहती है और न ही बराक वैली में इस महत्वपूर्ण मानदंड की कमी देखना चाहती है। वर्तमान न्यूरो सर्जन को बराक वैली में कई कठिन मांगों और घाटी के विभिन्न संगठनों द्वारा मजबूत आंदोलनों के बाद पुरस्कृत किया गया था। हमारा दृढ़ विश्वास है कि बराक वैली में एक न्यूरो सर्जन जरूरी है।