मदन सुमित्रा सिंघल, शिलचर। नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस सांसद राहुल गांधी सोमवार को मणिपुर दौरे पर पहुंचे।राहुल गांधी ने दोपहर 3 बजे के करीब मणिपुर हिंसा पीड़ितों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने चुराचांदपुर में रिलीफ कैंप का दौरा किया और वहां रहकर जीवन गुजार रहे लोगों से बातचीत की। राहुल गांधी ने इस दौरान कुकी और मैतेयी दोनों ही समुदायों के पीड़ितों से बात की और उनका हाल जाना।
मणिपुर में अशांति के बाद राहुल गांधी का ये तीसरा दौरा है। प्रियंका गांधी ने लिखा कि सैकड़ों लोगों ने जान गंवाई। हजारों लोग राहत कैंपों में रह रहे हैं, लेकिन केंद्र की भाजपा सरकार ने शांति बहाली के लिए न तो कोई सकारात्मक पहल की, न ही प्रधानमंत्री ने मणिपुर का दौरा किया। उन्होनें कहा कि मणिपुर में अशांति फैलने के बाद से यह राहुल गांधी का तीसरा दौरा है। उन्होंने शांति और प्रेम के संदेश के साथ प्रदेश की जनता को भरोसा दिया कि हम हर हाल में आपके साथ है।
बता दें कि कि एलओपी राहुल गांधी ने मणिपुर के तुइबोंग गांव में एक राहत शिविर का दौरा किया और हिंसा से प्रभावित विस्थापित परिवारों से बातचीत की। इस यात्रा के दौरान वह मणिपुर के जिरिबाम भी पहुंचे थे। उन्होंने फुलेरताल के थलाई इन यूथ केयर सेंटर में राहत शिविर का दौरा किया। यह इलाका हिंसा प्रभावित मणिपुर से लगा हुआ है। इससे पहले राहुल गांधी सुबह असम भी पहुंचे थे। यहां उन्होंने बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात की। राहुल गांधी ने X पर पोस्ट में लिखा कि असम में बाढ़ से हुई भीषण तबाही दिल दहला देने वाली है। 8 साल के अविनाश जैसे मासूम बच्चों को हमसे छीन लिया गया। राज्य भर के सभी शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना।
असम कांग्रेस के नेताओं ने मुझे जमीनी स्थिति से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि राज्य में 60+ मौतें, 53,000+ विस्थापित और 24,00,000 लोग प्रभावित हैं। ये आंकड़े भाजपा की डबल इंजन सरकार के घोर और गंभीर कुप्रबंधन को दर्शाते हैं, जो बाढ़ मुक्त असम के वादे के साथ सत्ता में आई थी।