मदन सुमित्रा सिंघल, शिलचर। गौशाला में इस वर्ष गोपाष्टमी महोत्सव का आयोजन विशेष धूमधाम से किया जा रहा है, जो दो दिनों तक चलने वाला एक भव्य समारोह होगा। इस उत्सव में धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का ऐसा अनूठा मेल होगा, जो न केवल श्रद्धालुओं के दिलों में अध्यात्म और भक्ति का संचार करेगा, बल्कि समुदाय को एकजुट करने का भी माध्यम बनेगा। शिलचर गौशाला समिति द्वारा आयोजित इस महोत्सव में सभी श्रद्धालुओं को सपरिवार शामिल होने का सादर निमंत्रण दिया गया है। महोत्सव का शुभारंभ 8 नवंबर, शुक्रवार को प्रातः हवन और गौपूजन के साथ होगा, जिसका आरंभ सुबह 8:15 बजे से किया जाएगा। यह हवन और गौपूजन गौमाता की पवित्रता और भारतीय संस्कृति में उनकी महत्ता को दर्शाएगा। श्रद्धालु जन इस पावन कार्य में सम्मिलित होकर गौमाता का आशीर्वाद प्राप्त कर सकेंगे।
गौपूजन के माध्यम से हमारे समाज में गौमाता के प्रति सम्मान को पुनः स्थापित करने का उद्देश्य है, जिससे आने वाली पीढ़ी भी इस संस्कृति से जुड़ सके।हवन-पूजन में सभी श्रद्धालुओं से सहभागिता की अपील की गई है ताकि मिल-जुलकर हम समाज में शांति, सुख और समृद्धि का संदेश फैला सकें। यह पूजा न केवल धार्मिक अनुभव प्रदान करेगी, बल्कि सभी भक्तों को आत्मिक संतोष और आशीर्वाद से परिपूर्ण करेगी।महोत्सव का दूसरा दिन 10 नवंबर, रविवार को भक्ति संगीत, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों, और लकी ड्रा जैसे मनोरंजक कार्यक्रमों से भरपूर रहेगा। सुबह 9:30 बजे से इस भव्य कार्यक्रम की शुरुआत होगी।बाहर से पधारे अनुभवी कलाकारों द्वारा प्रस्तुत भक्ति संगीत कार्यक्रम इस आयोजन का प्रमुख आकर्षण होगा। इन कलाकारों की भक्ति रचनाओं से वातावरण भक्तिमय बनेगा, जो श्रद्धालुओं को अलौकिक अनुभव प्रदान करेगा। इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले कलाकार भक्ति संगीत की ऐसी धुनें प्रस्तुत करेंगे जो न केवल कानों को आनंदित करेंगी, बल्कि मन और आत्मा को भी शांति देंगी।इसके अतिरिक्त, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अंतर्गत नृत्य, गायन, और विभिन्न पारंपरिक प्रस्तुतियाँ होंगी, जो न केवल मनोरंजन का साधन बनेंगी, बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर को भी उजागर करेंगी। इस अवसर पर लकी ड्रा का भी आयोजन किया गया है, जिसमें भाग लेकर श्रद्धालु रोमांच और उत्साह का अनुभव कर सकते हैं।