शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। एसडी काॅलेज आॅफ मैनेजमेन्ट स्टड्ीज में एसडीसीएमएस इन्क्यूबेशन फाउंडेशन द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। काॅलेज प्राचार्य डा0 आलोक कुमार गुप्ता व एसडीसीएमएस इन्क्यूबेशन फाउंडेशन के मैनेजर व स्पीकर मि0 मुकुल जैन ने कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं व समस्त शिक्षकों ने भाग लिया।
काॅलेज प्राचार्य डा0 आलोक कुमार गुप्ता ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा दिवस शिक्षा मंत्रालय द्वारा भारत में स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद के शिक्षा में योगदान को सम्मानित करने के लिए 2008 में 11 नवम्बर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में घोषित किया था। उन्होंने कहा कि नेशनल एजुकेशन डे इस बात पर जोर देता है कि देश के भविष्य को आकार देने, इनोवेशन को प्रोत्साहित करने और यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है कि सभी नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध हो। उन्होंने कहा कि हम ऐसी शिक्षा व्यवस्था विकसित करना चाहते है, जिससे हमारे देश के युवाओं को विदेश जाने की जरूरत न पडे़। उन्होंने कहा कि हमारे मध्यम वर्ग के परिवारों को लाखो-करोडों रूपये खर्च करने की जरूरत नहीं पडे़। उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं हम ऐसे संस्थान भी बनाना चाहते हैं जो विदेशों से लोगों को भारत आने के लिए आकर्षित करें।
एसडीसीएमएस इन्क्यूबेशन फाउंडेशन के मैनेजर व स्पीकर मि0 मुकुल जैन ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा दिवस भारत के भविष्य को आकार देने में शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालता है। उन्होंने कहा कि देश की 65 प्रतिशत आबादी 35 वर्ष से कम आयु की है। उन्होंने कहा कि ऐसे में उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और कौशल विकास के अवसर प्रदान करना काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार मजबूत शिक्षा बुनियादी ढ़ाचे के निर्माण के लिए समर्पित है जो छात्रों के समग्र विकास को बढ़ावा देती है और युवाओं को राष्ट्र को प्रगति की ओर ले जाने के लिए सशक्त बनाती है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक छात्र को एक औपचारिक स्कूल में गुणवत्तापूर्ण प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त हो जो निर्धारित मानदंडों को पूरा करती हो। उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं और पहलों द्वारा समर्थित ये कानूनी ढ़ाचे सभी के लिए एक समावेशी और न्यायसंगत शिक्षा प्रणाली के निर्माण के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दर्शातें है।
प्रवक्ता राजीव कुमार ने कार्यक्रम में बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा दिवस का मुख्य उद्देश्य छात्र-छात्राओं का सर्वागीण विकास करना है जिससे उनका शारीरिक व मानसिक विकास किया जा सकें। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य उनकी साक्षरता को बढ़ाना है, विशेष रूप से उन लोगों को ंजो औपचारिक स्कूली शिक्षा से वंचित रह गए है, उनकी साक्षरता को बढ़ाना है जिससे वे समाज में बेहतर ढंग से एकीकृत हो सकें और देश के विकास में सक्रिय रूप से योगदान कर सकें।
बता दें कि राष्ट्रीय शिक्षा दिवस“ इस पहल का उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के घटकों को प्रदर्शित करते हुए पूरे भारत में 14,500 से अधिक स्कूलों को मजबूत करना है। यह योजना छात्रों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, ज्ञान संबंधी विकास और 21वीं सदी के कौशल को बढ़ावा देगी। 27,360 करोड़ रूपये की कुल परियोजना लागत के साथ इसे पांच वर्षो में लागू किया जायेगा।
कार्यक्रम का संचालन छात्र-छात्रा यशिका भगत व आदित्य कुशवाहा ने किया। प्राची, शिवामी, सुनिधी, सिमरन, सताक्षी व मनु ने राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर इनोवेशन व शिक्षा के समायोजन के महत्व को स्पष्ट करते हुये अपने-अपने विचार प्रकट किये। डा0 आलोक कुमार गुप्ता ने बताया कि कार्यक्रम में बबली तोमर, रितू मित्तल, डा0 विभूति शर्मा, पारूल कुमार, देवेश गुप्ता, महिमा मंगल, आदित्य कश्यप, आस्था सिंगल, आशीश आहुजा, अन्नु त्यागी, वरूण कुमार, संदीप गर्ग, अनुराग सैनी, रश्मि कौशिक, रवि भार्गव आदि शिक्षक व स्टाॅफ एवं समस्त छात्र-छात्रायें उपस्थित रहें।