प्रेस विज्ञप्ति, राजकोट। भारतीय डाक विभाग ने सूचना क्रांति के आधुनिक दौर में अपने परिश्रम और नवोन्मेषी तकनीक से विश्व की सबसे बड़ी डाक व्यवस्था की प्रासंगिकता एवं विश्वसनीयता बनाये रखी है। बदलते दौर में डाकघर वित्तीय समावेशन, डिजिटल इंडिया और अंत्योदय में भी अहम् भूमिका निभा रहे हैं। डाक विभाग के विस्तृत नेटवर्क, विश्वसनीयता, सर्वसुलभता और सहज संवाद के चलते तमाम कल्याणकारी योजनायें समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुँच रही हैं। उक्त उद्गार सौराष्ट्र एवं कच्छ परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने क्षेत्रीय कार्यालय, राजकोट में विभिन्न मंडलों के डाक अधीक्षकों और इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक मैनेजर्स के कार्यों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किये।
पोस्टमास्टर जनरल ने कहा कि अब संदेशों के विभिन्न माध्यम के अतिरिक्त डाक द्वारा बैंकिंग, बीमा इत्यादि सेवायें भी संचालित की जा रही हैं। लोगों के जीवन से जुड़ी तमाम अहम चीजें आज भी डाकघरों से ही जुड़ी हैं। चिट्ठी-पत्री, मनीऑर्डर, पार्सल, पत्र- पत्रिकाओं, दवाओं, मंदिरों के प्रसाद, गंगा जल से लेकर आधार कार्ड, पासपोर्ट, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड, बैंकों की चेक बुक से लेकर एटीएम कार्ड जैसे तमाम अहम दस्तावेज आज भी डाकघरों के माध्यम से ही लोगों तक पहुंचते हैं। 'डाकिया डाक लाया' से 'डाकिया बैंक लाया' तक के 'अहर्निशं सेवामहे' सफर में डाक कर्मयोगियों की भूमिका में नित्य अहम परिवर्तन हो रहे हैं। डाकघर निर्यात केंद्रों द्वारा ओडीओपी, जीआई, एमएसएमई के उत्पाद विदेशों में पहुँचकर 'वोकल फॉर लोकल' एवं 'आत्मनिर्भर भारत' की संकल्पना को मजबूत किया जा रहा है। पेंशनरों को घर बैठे डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट की सुविधा दी जा रही है। सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी क्रान्ति के इस युग में डाकघर आज भी अपनी परिवर्तनकारी छवि के साथ नए आयाम रच रहा है।
पोस्टमास्टर जनरल ने डाक सेवाओं की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की। इस परिक्षेत्र में वर्तमान में लगभग 45.5 लाख बचत खाते, 9.65 लाख आईपीपीबी खाते, 3.97 लाख सुकन्या समृद्धि खाते, 39 हजार महिला सम्मान बचत पत्र खाते संचालित हैं। 426 गाँवों को ‘सम्पूर्ण सुकन्या समृद्धि ग्राम, 740 गाँवों को 'सम्पूर्ण बीमा ग्राम' और 16 गाँवों को फाइव स्टार विलेज भी बनाया जा चुका है। पासपोर्ट सेवा केंद्र के माध्यम से इस वित्तीय वर्ष में 43 हजार से ज्यादा लोगों ने पासपोर्ट बनवाया। 1.55 लाख से ज्यादा लोगों ने डाकघर के माध्यम से आधार सेवाए प्राप्त कीं, वहीं 1.64 लाख लोगों ने इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के माध्यम से सीईएलसी के अंतर्गत इसका लाभ उठाया। 43 हजार से ज्यादा लोगों को घर बैठे आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम के माध्यम से 20.5 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।
पोस्टमास्टर जनरल ने वित्तीय वर्ष के शेष महीनों में व्यापक अभियान चलाकर विभिन्न सेवाओं में आवंटित लक्ष्यों की प्राप्ति पर जोर दिया। साथ ही साथ विभिन्न सेवाओं से आम जन को जोड़ने, जन परिवाद के त्वरित निस्तारण और ग्राहकों के प्रति संवेदनशीलता पर जोर दिया। इस अवसर पर राजकोट मंडल के प्रवर डाक अधीक्षक श्री एस के बुनकर, क्षेत्रीय कार्यालय के सहायक निदेशक आरआर विरड़ा, जेके हिंगोरानी, केएस ठक्कर, सीनियर पोस्टमास्टर अभिजीत सिंह, भावनगर मंडल डाक अधीक्षक डीएच तपस्वी, गोंडल मंडल डाक अधीक्षक केएस शुक्ला, जूनागढ़ मंडल डाक अधीक्षक एएच चावडा, पोरबंदर मंडल डाक अधीक्षक आरजे पटेल, सुरेन्द्रनगर मंडल डाक अधीक्षक एसआर मिस्त्री, लेखाधिकारी जुगल किशोर, आईपीपीबी के चीफ मैनेजर राजीव कुमार सहित तमाम अधिकारी उपस्थित रहे।