शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। शासन के निर्देशों के क्रम में आज 100 दिवसीय सघन टीबी का आयोजन जिला पंचायत अध्यक्ष डा0 वीरपाल निर्वाल की अध्यक्षता में जिला पंचायत सभागार किया गया। कार्यक्रम में समस्त समाज के धर्मगुरूओं, एनजीओं एवं समाज सेवियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
जनपद के प्रथम नागरिक डा0 वीरपाल निर्वाल के नेतृत्व में सभागार में उपस्थिति सभी के द्वारा टीबी मुक्त शपथ ली गई। शपथ में सभी ने संकल्प लिया कि मैं अपने जनपद में टीबी का उन्मूलन करने और अपने जनपद के लोगों के बीच टीबी के प्रति जागरुकता बढ़ाने की दिशा में कार्य करने की अपनी वचनबद्धता को दोहराता-दोहराती हूँ। मैं टीबी से प्रभावित लोगों और परिवारों को उत्तम स्वास्थ्य सेवाएं मिले, इसके लिए प्रतिबद्ध हूँ। मैं यह भी सुनिश्चित करूँगा-करूँगी की वे लोग फिर से स्वस्थ और सम्मानित जीवन जी सकें। मैं सत्य निष्ठा से प्रण लेता-लेती हूँ कि टीबी के उपचार को और भी सुलभ करने के लिए अपने जनपद के सरकारी संस्थाओं, जनप्रतिनिधियों और सभी हितधारकों के साथ मिलकर काम करूँगा-करूँगी। मैं टीबी मुक्त भारत अभियान को सफल बनाने में सहयोग करूँगा-करूँगी, जो मेरे जनपद को टीबी मुक्त बनाएगा। उनके द्वारा सभागार में आये टीबी रोगियों को पोषण पोटली भी प्रदान की गई।
मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 सुनील तेवतिया ने बताया कि सरकार द्वारा टीबी मरीज के खाते में उनके पोषण को और अधिक बेहतर बनाने हेतु इलाज के दौरान छः हजार रुपये दो किस्तों में दिये जाते हैं। उन्होंने सभी प्रबुद्धजनों, एनजीओं व ग्राम प्रधानों से अपील की, कि वह स्वयं निक्षय मित्र बनें और समाज में अपने स्तर से भी निःक्षय मित्र बनवाकर योजना में सक्रिय रूप से भाग लें और टीबी रोगियों की सहायता करें। उन्होंने बताया कि निक्षय मित्र के रूप में सरकारी और गैर.सरकारी संस्थाएं, व्यक्ति, टीबी रोगियों को गोद लेकर उनके स्वास्थ्य, पोषण में योगदान कर सकता हैं।
जिला क्षय रोग अधिकारी डा0 लोकेश चन्द्र गुप्ता ने बताया कि जनपद में वर्ष 2024 में कुल 9428 टीबी के मरीज खोजे गये थे, जिनमें से 327 एमडीआर टीबी के रोगी चिन्हित हुये। उन्होंने बताया कि वर्तमान में टीबी कार्यक्रम के अन्तर्गत 100 दिवसीय सघन टीबी अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य टीबी के छुपे हुये रोगियों को खोजना, टीबी रोगियों की मृत्यु दर को कम करना तथा टीबी से नए व्यक्तियों को संक्रमित न होने देना है। उन्होंने बताया कि जनपद में जोखिम वाली जनसंख्या, जिसमें 60 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति, कुपोषित व्यक्ति, पुराने टीबी रोगी, टीबी रोगी के साथ रहने वाले व्यक्ति, डायबिटीज, एचआईवी ग्रस्त व्यक्ति तथा नशा करने वाले व्यक्ति आदि की टीबी स्क्रीनिंग और परीक्षण किया जा रहा है।
इस अवसर पर एनटीईपी विभाग से डा0 करन, विपिन शर्मा, विपिन, हेमन्त, अभिषेक, अतुल, रजनीश विप्रा, सहबान, मनोज, सुनील, संजीव एवं विभिन्न एनजीओं एवं उनके प्रतिनिधि तथा एचएलएफपीपीटी से विपिन व अमित आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे। मंच का संचालन डा0 गीताजंली वर्मा ने किया।