मदन सुमित्रा सिंघल, शिलचर। भारतीय समाचार पत्रों के दो सौ पैंतालीस वर्षों के गौरवशाली अध्याय को हर कीमत पर अक्षुण्ण रखा जाना चाहिए। समाचार-पत्र सभी कठिनाइयों एवं बाधाओं को पार कर पाठकों के बीच स्वीकार्यता बनाये रखने में सफल होंगे। समाचार पत्र संगठनों को इस संबंध में अधिक जिम्मेदार भूमिका निभानी चाहिए। भारतीय प्रेस दिवस के उपलक्ष्य में बुधवार को सिलचर प्रेस क्लब द्वारा आयोजित कार्यक्रम में महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई।
चर्चा में बताया गया है कि 29 जनवरी 1780 को आयरिश शख्सियत जेम्स ऑगस्टस हिक्की ने कलकत्ता से 'हिक्कीज बंगाल गजट' प्रकाशित किया था. इन शुरुआतों से एक के बाद एक अखबार भारत में बहुत तेजी से प्रभाव फैलाने में सफल रहे। लेकिन अब इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया के साथ अखबारों का प्रतिस्पर्धी क्षेत्र बन गया है। कवि-पत्रकार अतिन दास, लेखक-भाषा सेनानी सुनील रॉय, प्रेस क्लब के महासचिव शंकर डे, प्रोफेसर नबेंदु वणिक, बंगाली नवनिमरण सेना के अध्यक्ष प्रीतम देब, कछार टाइम्स के संपादक विजय देबनाथ, पूर्व संपादक दुर्बा सेन, यूटीडीसी के अध्यक्ष संजीत देबनाथ, प्रेस क्लब उपाध्यक्ष विकास चक्रवर्ती, पत्रकार चयन भट्टाचार्य, अभिनंदन संपादक मेघनाथ कर आदि। अध्यक्षता प्रेस क्लब उपाध्यक्ष रितेन भट्टाचार्य ने की. कलाकार बरिन्द्रकुमार दास ने संगीत प्रस्तुत किया।