ताज नगरी में आयोजित सात दिवसीय सेमिनार में जुटे 10 देशों के 45 से अधिक होम्योपैथिक चिकित्सक

शि.वा.ब्यूरो, आगरा। उन्नत नैदानिक होम्योपैथी की जटिलताओं को सीखने के लिए सिविल लाइन स्थित पारीक होम्योपैथिक सेंटर पर आयोजित सात दिवसीय सेमिनार के सम्बन्ध में डॉ. आलोक पारीक ने कहा कि अभी तक 22 से अधिक देश इस सेमिनार में भाग ले चुके हैं और इसका उद्देश्य दुनियाभर में होम्योपैथों के नैदानिक परिणामों में सुधार करना है। उन्होंने रूस और जर्मनी में होम्योपैथिक प्रैक्टिस की सराहना की, जहांँ वे 20 वर्षों से होम्योपैथी चिकित्सकों को प्रशिक्षण देने के लिए जाते रहे हैं। उन्होंने होम्योपैथी को संरक्षण देने के लिए भारत सरकार का भी धन्यवाद दिया क्योंकि सरकारी संरक्षण के कारण ही होम्योपैथी भारत में आश्चर्यजनक रूप से बढ़ रही है।

प्रिल्यूड पब्लिक स्कूल के निदेशक डॉ. सुशील गुप्ता ने बताया कि ताज नगरी में डॉ.आर.एस. पारीक, डॉ. आलोक पारीक, डॉ. आदित्य और डॉ. नितिका पारीक से सीखने के लिए जो चीज सर्वाधिक आकर्षित करती है, वह है उन्नत बीमारियों के लिए होम्योपैथी का उपयोग करने में उनका वैज्ञानिक दृष्टिकोण और सफलता और दुनियाभर में उनके लोकप्रिय सेमिनार। इस अवसर पर चिकित्सकों के स्वागत व उत्साहवर्धन के लिए ओसवाल पब्लिकेशंस के निदेशक नरेश जैन मुख्य रूप से उपस्थित रहे।

बता दें कि डॉ. आलोक और आदित्य पारीक पूरे यूरोप में प्रतिवर्ष 6-7 बार नियमित रूप से सेमिनार आयोजित करते हैं, जिसमें लगभग 700 चिकित्सक भाग लेते हैं। इस वर्ष उक्त कार्यशाला 17 से 23 फरवरी तक आयोजित की जा रही है और इसमें जर्मनी, ऑस्ट्रिया, इटली, रूस, कजाकिस्तान और आर्मेनिया आदि 10 देशों के 45 से अधिक चिकित्सक भाग ले रहे हैं। लाइव फॉलोअप केस और अपनाए जाने वाले विभिन्न दृष्टिकोणों पर चर्चा इस सेमिनार का मुख्य आकर्षण होगा।

डाॅ. आलोक पारीक ने बताया कि दुनियाभर के विशेषज्ञ अब उन्नत नैदानिक होम्योपैथी की जटिलताओं को सीखने के लिए भारत की ओर उन्मुख हो रहे हैं। हर साल दुनियाभर से कुछ वरिष्ठतम और अनुभवी होम्योपैथिक चिकित्सक उन्नत होम्योपैथी में डॉ. पारीक की कार्यशाला में भाग लेने के लिए आगरा में एकत्र होते हैं। यह एक विशेष प्रकार की कार्यशाला है क्योंकि इसमें लाइव केस और रोगी प्रबंधन शामिल है।

Post a Comment

Previous Post Next Post