शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। उप कृषि निदेशक संतोष कुमार ने किसानों को अवगत कराया कि भारत सरकार की एग्रीस्टैंक परियोजना के तहत सभी गांवों की जियो रिफरेंस मैप तैयार करने तथा डिजिटल क्राप सर्वे के माध्यम से बोई गई फसलों के आनलाइन रिकार्ड व्यवस्थित करने के बाद अब फार्मर रजिस्ट्री बनाई जानी है। फार्मर रजिस्ट्री में किसानों की सभी भूमियों के रिकार्ड को आधार से लिंक किया जाएगा। इसके बाद किसानों का एक फार्मर आइडी युक्त गोल्डन कार्ड बनेगा।
उप कृषि निदेशक ने बताया है कि इस गोल्डन कार्ड या फार्मर आइडी के आधार पर किसानों को विभिन्न विभागों की योजनाओं से लाभान्वित करना आसान होगा। किसान क्रेडिट कार्ड, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, क्षतिपूर्ति का आंकलन व भुगतान की व्यवस्था सरल हो जाएगी। उन्होंने चकबन्दी के ग्रामों एंव जिन कृषकों का डाटा मिसमैच है, को छोडकर सभी कृषकों से अनुरोध किया है कि वह अपनी नजदीकी जन सेवा केन्द्र के माध्यम से निर्धारित शुल्क देकर फार्मर रजिस्ट्री करा सकते है।
उन्होंने बताया कि इस हेतु किसान को अपने आधार कार्ड, आधार कार्ड से लिंक मोबाइल एवं खतौनी की छायाप्रति के साथ उपस्थित होना होगा। उन्होंने बताया कि जिन कृषकों द्वारा अपनी फार्मर रजिस्ट्री नहीं कराई जायेगी, उनको प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की आगामी 19वी किश्त का लाभ नहीं प्राप्त होगा, इसलिए सभी कृषक शीघ्र ही अपनी फार्मर रजिस्ट्री करा लें।