बिटिया मत घबराना तुम

मदन सुमित्रा सिंघल, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।                         
हे जन्मभूमि हे माँ पृथ्वी
अन्याय से तुम टकराना
स्थिति चाहे जो भी हो
बिटिया तुम मत घबराना
शौभाग्य उस मातपिता का
जिसके घर तुने जन्म लिया
छाछ पीकर अमृत का तुने
झकझक करती आनंद लिया
इतनी शिक्षा पाकर बिटिया
अहं से मत घमंडाना तुम
दलित पिछङे गरीबों के
सबके दिल बस जाना तुम
संस्कार हमारे पाये तुमने
उसको मत भुलाना तुम
विपरित स्थिति का भी बेटी
झांसी रानी बन टकराना तुम
आशीर्वाद के सिवा हमारे
 नहीं कुछ पास है बेटी
जीवन है अनमोल तुम्हारा
करते जाना तुम खास बेटी
कहते हम धमधम करते
खुशियाँ लेकर जाना बेटी
ग्रहस्थ जीवन सुखद निभाकर
छमछम करते आना बेटी
ईश्वर मंगल करें तुम्हारा
तुम मंगल सबका करना
भले रहो व्यस्त जीवन मे
सबके प्रश्न हल करना
पत्रकार एवं साहित्यकार शिलचर असम

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