डाँ. राजीव डोगरा, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
तुम अपने पथ को
सुपथ करते जाओ
जीवन में जय पराजय
तो चली रहती हैँ।
तुम स्वयं के लिए
मार्ग सुगम बनाते जाओ
जीवन में कठिन
डगर तो आते रहते हैं।
तुम हार कर भी
ज़रा जीतना सीखो
लोग दुनिया जीत कर भी
स्वयं से हार जाते हैँ।
तुम जीवन रथ पर
चढ़कर दौड़ना सीखो
लोग तो पथ पर कांटे
कहीं ना कहीं बिछाते रहेेंगे।
युवा कवि व लेखक गांव जनयानकड़ (कांगड़ा) हिमाचल