गौरव सिंघल, सहारनपुर। मोक्षायतन अंतर्राष्ट्रीय योग संस्थान में महा शिवरात्रि पर्व पार्थिव शिवलिंग पर रुद्राभिषेक कर मनाया गया। संस्थान के धर्माचार्य साधक पंडित सुनील शर्मा ने वैदिक मंत्रोच्चार द्वारा विधि-विधान से मुख्य यजमान संस्थान संस्थापक स्वामी भारत भूषण व गुरुमाता ईष्ट शर्मा, सपत्नीक साधक रजनीश व आशु सहित सुदूर क्षेत्रों से आए सभी साधकों के हाथों अभिषेक संपन्न कराया। भाव भरे भजनों व शिवस्तुति की आनन्दध्वनि से संस्थान का पंतञ्जलि सभागार गूँजायमान हो गया। गुरूदेव स्वामी भारत भूषण जी ने सभी साधकों को आशीर्वचन स्वरूप योगीराज शिव की महिमा को विस्तार से बताया। सृष्टि की रचना, कुंभ स्नान व प्रयागराज के विशेष स्नान पर्व पर आध्यात्मिक मार्गदर्शन किया।
समाज व राष्ट्रके उत्थान पर विशेष चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी कारण कुंभ में न पहुंचने वाले लोग भी कुंभ स्नान से वंचित न समझें, कुंभ की पवित्रता को जी कर भावमयी सृष्टि में सच्चा कुंभ स्नान संभव है। उन्होंने प्रयागराज से लाए जल से अंग स्पर्श, मार्जन और पवित्रीकरण मंत्रों से सभी को कुंभस्नान कराया फिर त्रयमेकत्र संयमः का अभ्यास कराते हुए मानव शरीर में स्थित संगम में योग विधि से डुबकी लगवाई तो सभी भाव विभोर हो गए। योग गुरु ने कहा कि अस्तित्व की पवित्रता के लिए शरीर में त्रिवेणी स्नान और जीवन की पवित्रता लिए निंदा, पर नारी गमन और पर धन लोलुपता से बचने वाले व्यक्ति के हर सांस में कुंभ स्नान और हर कदम पर गंगा का वास है। उन्होंने आज के दिन बोध प्राप्त करने वाले मूल शंकर से महर्षि दयानंद सरस्वती बने आर्यसमाज के संस्थापक योगी को सबके लिए प्रेरक विभूति बताते हुए कहा कि शिवरात्रि ने ही उन्हें सत्य की खोज वेदों के पुनरुद्धार और स्वाधीनता संग्राम का सूत्रधार बना दिया। आदि योगी योगीराज शिव की महिमा सुनकर उपस्थित भक्तों व योग साधको का रोम रोम पुलकित हो गया। रुद्राभिषेक व सत्संग में निरंतर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। रुद्राभिषेक में योगाचार्य अनीता शर्मा, योगाचार्य आलोक श्रीवास्तव, सोनल चौहान, अमरनाथ, पूनम वर्मा, मुस्कान, खुशबू, वासुदेव, केशव, प्रदीप सेठी, सुमन्यु सेठ, शिवम वर्मा, शिवम सैनी, मुकेश शर्मा, ललित वर्मा आदि व्यवस्था प्रमुख रहे।