मिरगपुर गांव में बाबा फकीरादास की सिद्ध कुटी पर भव्य मेला आयोजित

गौरव सिंघल, देवबंद। ऐतिहासिक एवं प्रसिद्ध नगर देवबंद के सात्विक खानपान के लिए विख्यात गांव मिरगपुर में स्थित बाबा फकीरादास की सिद्धकुटी पर हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी भव्य मेले का  आयोजन किया गया। मेले में आसपास ही नहीं दूर-दराज से भी बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने प्रसाद चढ़ाकर बाबा फकीरादास का आशीर्वाद लिया और अपने परिवार की सुख समृद्धि के लिए मन्नत मांगी। गुरू बाबा फकीरादास की तपोस्थली पर तडक़े चार बजे से प्रसाद चढ़ाने के लिए भक्तों की भीड़ लगी रही। दिनभर लोगों ने लाइनों में लगकर प्रसाद चढ़ाया। इस दौरान मेले में जश्न का माहौल रहा। मेले में आए मेहमानों के लिए गांव का प्रत्येक  बुजुर्ग, युवा और बच्चे लोगों की आवभगत में जुटे रहे। मेले में आए लोग गांव में अपने-अपने परिचितों के यहां भी पहुंचे। देवबंद से करीब छह किलोमीटर दूर काली नदी के किनारे ऊंचे टीले पर बाबा फकीरादास की सिद्ध कुटी बनी हुई है। करीब 400 साल पूर्व सम्राट जहांगीर के शासनकाल के दौरान राजस्थान निवासी सिद्ध पुरूष बाबा फकीरादास घूमते-घूमते इस गांव में आए थे। 

उन्होंने गांववासियों को संदेश दिया था कि वे यदि सात्विक भोजन को अपनाएंगे और तंबाकू, शराब, प्याज, लहसुन, मांस, अंडा, सिरका आदि का सेवन नहीं करेंगे तो वे हमेशा खुशहाल रहेंगे। बाबा फकीरादास कुछ समय के लिए इस गांव में रूके थे और उन्होंने गांव वालों को कई तरह के चमत्कार दिखाकर उनका विश्वास अर्जित किया था। गांव वालों के मन में उनके प्रति अगाध श्रद्धा उत्पन्न हो गई थी। मिरगपुर वासियों ने गुरू बाबा फकीरादास की कही बातों को अपने जीवन में हमेशा के लिए उतारने का संकल्प लिया था। जिसका ये गांव आज भी अनुसरण कर रहा है। अपनी विशेषताओं के कारण भारतीय संस्कृति से ओत-प्रोत देशभर में अनूठी मिसाल बना मिरगपुर गांव करोड़ों लोगों को सात्विक खानपान और नशामुक्ति का संदेश देता है। यह गांव भारत के राष्ट्रपति से आदर्श गांव का सम्मान प्राप्त कर चुका है और इंडिया बुक आफ रिकॉर्डस में भी दर्ज है। इस गांव में रहने वाले करीब 90 फीसद लोग हिंदू गुर्जर बिरादरी के हैं। जो खेतीबाड़ी में बहुत उन्नत और प्रगतिशील हैं। मुख्य रूप से इस गांव में गन्ने और गेहूं की खेती होती है। 

बलशाली और हस्टपुस्ट मिलनसार स्वभाव के मिरगपुर के लोगों को उनकी विशिष्ट पहचान के कारण बेहद सम्मान और प्रतिष्ठा प्राप्त है। गुर्जर बिरादरी समेत अन्य राजनीतिक दलों और बिरादरियों के जनप्रतिनिधि भी फकीरादास की सिद्ध कुटी पर बने मंदिर में पहुंचकर सिर नवाते हैं और प्रसाद का आनंद लेते हैं।  महंत संत पद्मश्री स्वामी कल्याण देव जी महाराज इस गांव की सात्विकता से बहुत प्रभावित रहे हैं। उनका इस गांव और ग्रामीणों से भारी लगाव रहा। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. राजेश पायलट, पूर्व मंत्री स्व. यशपाल सिंह, पूर्व उपमुख्यमंत्री स्व. चौ. नारायण सिंह का भी इस गांव से भारी लगाव रहा और वो भी हमेशा यहां के वार्षिक मेले मे बढ़-चढ़कर भागीदारी किया करते थे। अबकी मेले में राज्यमंत्री बृजेश सिंह, सांसद इमरान मसूद, पूर्व सांसद हाजी फजलुर्रहमान, उत्तराखंड के पूर्व मंत्री स्वामी यतिश्वरानंद महाराज, पूर्व विधायक मनोज चौधरी, सपा युवजन सभा के कार्तिकेय राणा, हरिद्वार के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चौधरी, गन्ना विकास परिषद लिबरहेड़ी के चेयरमैन सुशील राठी, गन्ना विकास परिषद लक्सर के चेयरमैन राजेंद्र चौधरी, गोचर महाविद्यालय के अध्यक्ष देवराज चौधरी, पूर्व एमएलसी लक्सर संजय गुप्ता, त्रिवेणी चीनी मिल के यूनिट हैड पुष्कर मिश्र व ब्लाक प्रमुख पति विजय त्यागी आदि पहुंचे। उत्तराखंड व हरियाणा से भी बड़ी संख्या में लोग पहुंचे और प्रसाद चढ़ाया। जगह-जगह ग्रामीणों ने आगंतुकों को प्रसाद बांटा। इस अवसर पर चेयरमैन चौधरी प्रविंद्र सिंह, अंतर्राष्ट्रीय किसान यूनियन के अध्यक्ष चौधरी विरेंद्र सिंह गुर्जर, चौ. सुशील गुर्जर, चौ. अर्जुन सिंह, उत्तर प्रदेश जनकल्याण मंच के प्रदेशाध्यक्ष चौ. ओमपाल सिंह, मनोज पंवार, विकास चौधरी, अमित सिंघल एडवोकेट आदि मौजूद रहे।

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