केन्द्रीय बजट पर भाकियू वर्मा व पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भगत सिंह वर्मा की प्रतिक्रिया: बजट में मोदी सरकार ने किसानों, गरीबों, छोटे व्यापारियों और पश्चिमी उत्तर प्रदेश को छला

गौरव सिंघल, सहारनपुर। आज यहां वर्ष 2025- 26 के यूनियन बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय किसान यूनियन वर्मा व पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भगत सिंह वर्मा ने कहा कि इस बजट में देश के अन्नदाता किसानों, मजदूरों, गरीबों, व्यापारियों, छोटे दुकानदारों, युवाओं और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 8 करोड़ जनता की उन्नति के लिए कुछ भी नहीं है। बजट में देश के अन्नदाता किसानों के सभी कर्ज माफ करने की व्यवस्था होनी चाहिए थी। किसानों को उनकी फसलों का लाभकारी मूल्य, मनरेगा योजना को सीधा खेती से जोड़कर मजदूर उपलब्ध कराने, एम एस पी को गारंटी कानून बनाने, गन्ने का लाभकारी मूल्य ₹700 कुंतल कराने, बेरोजगार युवाओ को रोजगार दिलाने, 80% उत्तर प्रदेश सरकार को राजस्व देने वाले, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 2 एम्स, दो आई आई टी, दो आईआईएम, मेरठ में हाई कोर्ट और उत्तर प्रदेश को चार भागों में विभाजित करने की तरफ बजट में व्यवस्था होनी चाहिए थी। यह बजट कॉर्पोरेट घरानों को मजबूत करने के लिए बनाया गया है। बजट में शिक्षा और चिकित्सा सभी को नि:शुल्क होनी चाहिए थी। सभी बुजुर्गों को रेल और सरकारी बसों में 50% रियायत देनी चाहिए थी और 60 वर्ष से अधिक बुजुर्गों को कम से कम ₹5000 प्रतिमा वृद्धावस्था पेंशन पर फोकस होना चाहिए था। यह बजट किसान, मजदूर, गरीब, छोटे व्यापारी, दुकानदार, युवा शक्ति विरोधी है और देश की उन्नति में रुकावट है। 

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