श्री राम कॉलेज की राष्ट्रीय सेवा योजना का सात दिवसीय विशेष शिविर सम्पन्न

शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। आज श्री राम कॉलेज की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के द्वारा सात दिवसीय विशेष शिविर का समापन हरिजन पंचायत घर ग्राम सहावली में किया गया। शिविर का शुभारंभ आज के मुख्य अतिथि सहावली सभासद श्रीमती बबली एवं संत शिरोमणि रविदास समिति के सदस्यों के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर किया गया। शिविर में लगभग 50 स्वयंसेवक एवं सेविकाओं ने प्रतिभाग किया और ग्राम वासियों को नुक्कड़ नाटक के द्वारा एड्स के प्रति जागरूक किया तथा साथ ही युवा के कौशल विकास हेतु सहावली में स्थित रविदास मंदिर के पास एड्स पर विचार गोष्ठी का भी आयोजन किया गया।

इस अवसर पर शिविर में उपस्थित आज की मुख्य अतिथि सहली सभासद बबली ने बताया कि एचआईवी संक्रमण को रोकने का एकमात्र तरीका लोगों को इसकी उत्पत्ति एवं प्रसार के बारे में बताया जाए ताकि लोग इस महामारी के दुष्प्रभाव से बच सकें। इसी बात को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम की शुरुआत की गई जिसका उद्देश्य जन-जन तक एचआईवी एड्स एवं इसके रोकथाम से संबंधित सभी सूचनाऐ एवं जानकारियॉ पहुँचाना है। उसके पश्चात शिविर में उपस्थित डॉ0 प्रेरणा मित्तल प्राचार्य श्रीराम कॉलेज ने स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में एचआईवी का पहला मामला 1986 में सामने आया था। इसके पश्चात यह पूरे देश भर में तेजी से फैल गया एवं जल्द-ही इसके 139 मामले सामने आये। जहाँ एचआईवी एड्स के ज्यादातर मामले यौनकर्मियों में पाए गए हैं। इस दिशा में सरकार ने पहला कदम यह उठाया कि अलग-अलग जगहों पर जाँच केन्द्रों की स्थापना की गई। इन केन्द्रों का कार्य जाँच करने के साथ-साथ ब्लड बैंकों की क्रियाविधियों का संचालन करना था। चिकित्सा में प्रगति ने एचआईवी एड्स से पीड़ित लोगों के लिए लंबा और स्वस्थ जीवन जीना संभव बना दिया है। एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) के साथ वायरस को नियंत्रित किया जा सकता है, जिससे इसे एड्स में बदलने से रोका जा सकता है।
इसके पश्चात शिविर में उपस्थित राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी डॉ0 ऋषभ भारद्वाज ने कहा कि प्रत्येक वर्ष 1 दिसम्बर को विश्व एड्स दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को विश्वभर के लोग एड्स विरोधी अभियान में अपनी एकजुटता दिखाते हैं एवं एड्स प्रभावित लोगों को हरसंभव सहयोग देने का आश्वासन देते हैं। इस दिन को एड्स से मरने वाले लोगों के स्मरणोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है। शिविर में बायोसाइंस प्रवक्ता अंकित कुमार स्वयंसेवक मोहित कुमार, सपना, प्रियांशी हिमांशी, एवी चौधरी, कनक शर्मा, मिहिर, अदिति मिश्रा, काजल, अंजलि डागर, प्रकाश, सोनू, मिहिर, अदिति मिश्रा, काजल, अंकित कुमार तथा आकाश इत्यादि का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

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