एसडी कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज में डेटासाइंस व मशीन लर्निंग पर कार्यशाला आयोजित

शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। एसडी कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज में आईक्यूएसी के अंतर्गत डेटा साइंस और मशीन लर्निंग विषय पर एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रधानाचार्य डॉ. संदीप मित्तल ंने बताया कि वर्तमान युग में डेटा साइंस और मशीन लर्निंग का महत्व लगातार बढ़ रहा है। इन तकनीकों के माध्यम से बड़ी मात्रा में डेटा का विश्लेषण कर उपयोगी जानकारी निकाली जा सकती है, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में क्रांतिकारी परिवर्तन संभव हो रहा है। उन्होंने बताया कि भविष्य में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, बिगडेटा और क्लाउड कंप्यूटिंग जैसी तकनीकों का उपयोग विभिन्न उद्योगों में और अधिक बढ़ेगा, जिससे छात्रों के लिए रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।

बीसीए विभागाध्यक्ष डॉ. संजीव तायल ने डेटा साइंस और मशीन लर्निंग के सिद्धांतों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि डेटा साइंस के अंतर्गत सांख्यिकी, गणित, कंप्यूटर विज्ञान और डोमेन नॉलेज का समावेश होता है, जिससे डेटा का विश्लेषण करके व्यावसायिक निर्णय लिए जाते हैं। मशीन लर्निंग के अंतर्गत कंप्यूटर को इस प्रकार प्रशिक्षित किया जाता है कि वह बिना किसी स्पष्ट प्रोग्रामिंग निर्देशों के डेटा से सीख सके और उचित भविष्यवाणी कर सके। उन्होंने इस क्षेत्र में करियर की अपार संभावनाओं पर भी प्रकाश डाला।

कार्यक्रम समन्वयक चंदना दीक्षित ने डेटा साइंस और मशीन लर्निंग के व्यावहारिक पहलुओं को समझाया। उन्होंने छात्रों को इन क्षेत्रों में अपनाई जाने वाली प्रमुख तकनीकों और एल्गोरिदम के बारे में बताया। उन्होंने मशीन लर्निंग के बारे में उदाहरण प्रस्तुत किए। डेटा साइंस और मशीन लर्निंग आधुनिक तकनीक की रीढ़ बन चुके हैं, जो विभिन्न उद्योगों में क्रांतिकारी बदलाव ला रहे हैं। डेटा साइंस का मूल उद्देश्य डेटा से मूल्यवान जानकारी निकालना और उसे उपयोगी निष्कर्षों में बदलना है, जबकि मशीन लर्निंग कंप्यूटर को अनुभव के आधार पर निर्णय लेना सिखाता है। मशीन लर्निंग एल्गोरिदम, जैसे डीप लर्निंग, न्यूरल नेटवर्क और निर्णय वृक्ष बड़े पैमाने पर डेटा को प्रोसेस करके पैटर्न पहचानने और जटिल समस्याओं को हल करने में सक्षम होते हैं। आज मशीन लर्निंग का उपयोग वॉयस असिस्टेंट पता लगाने, स्वचालित ड्राइविंग कारों और चिकित्सा निदान में किया जा रहा है। डेटा साइंस में पाइथन और आर जैसी प्रोग्रामिंग भाषाएँ, पांडा और नंबी जैसे डेटा प्रोसेसिंग टूल्स और टेन्सर फ्लो तथा स्काइकीट-लर्न जैसी मशीन लर्निंग लाइब्रेरीज का व्यापक उपयोग किया जाता है। आने वाले समय में डेटा साइंस और मशीन लर्निंग का प्रभाव और भी बढ़ेगा, जिससे स्मार्ट शहरों और अन्य अत्याधुनिक तकनीकों को और उन्नत बनाया जा सकेगा।

कार्यक्रम में रोबिन गर्ग, वैभव वत्स, अनुज गोयल, हर्षिता, हिमांशु, हर्षित, देवेश भारद्वाज, श्वेता, राहुल, रोबिन मलिक व निरंकार सहित तनिष्का, तनु चैधरी, जोया, यशवी, शिवि त्यागी, अनुष्का चैधरी, अनुश्री शर्मा, कुमकुम, माही, माही सैनी, कार्तिक त्यागी, अली, आयुषी, मोहम्मद अनीस मुख्य रूप से उपस्थित रहे। छात्रों ने कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य छात्रों को आधुनिक तकनीकों के प्रति जागरूक करना और उन्हें इन क्षेत्रों में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित करना था।

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