युग जननी है नारी

राधा परमार, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। 
प्रकृति है नारी, अपनों पर
जीवन दिया वारी।।
सहती है दर्द ,पीती है आसूं,
सहनशील है नारी।।
संघर्ष भरा ,जीवन है इसका,
अदभुत है नारी।।
छोड़ बाबुल,चली पिया संग,
रिश्ते नए जोड़ती नारी।।
संस्कारों की ,महक इसमें।
फूलों की ,फुलवारी नारी।।
राम ,कृष्ण ,गौतम,हनुमत
युग जननी है नारी।।
शत शत नमन तुम्हे,नारी ,
रची जिसने,दुनिया सारी ।।
कंचन कोमल ,निश्छल मन।
सृष्टि की ,सुंदर कृति नारी।
नर शिव तो ,शक्ति है नारी।
नारी की महिमा है न्यारी।।
शिक्षक हाई स्कूल अमला, बड़नगर, जिला-उज्जैन (मध्य प्रदेश)

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