शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। आज श्रीराम कॉलेज के सभागार में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में मॉ शाकुम्भरी विश्वविद्यालय, सहारनपुर की कुलपति प्रो0 विमला वाई द्वारा श्रीराम कॉलेज को स्वायत्तशासी (ऑटोनॉमस) कॉलेज का दर्जा प्रदान करने की घोषणा करते हुये प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया। श्रीरामकॉलेज की ओर से प्रबंध समिति के सचिव संकल्प कुलश्रेष्ठ, श्रीराम ग्रुप आफ कालिजेज, एकीकृत परिसर की अध्यक्ष मुक्ता कुलश्रेष्ठ तथा श्रीराम कॉलेज की प्राचार्य डॉ0 प्रेरणा मित्तल ने यह प्रमाण-पत्र प्राप्त किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ0 एससी कुलश्रेष्ठ द्वारा की गई।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निर्देशों के अनुपालन में माँ शाकुम्भरी विश्वविद्यालय की कार्य-परिषद से अनुमोदन के उपरान्त कुलपति प्रो0 विमलावाई द्वारा आज श्रीराम कॉलेज के सभागार में इसकी विधिवत् घोषणा की गई। कुलपति द्वारा श्रीराम ग्रुप आफ कालिजेज के संस्थापक चेयरमैन डॉ0 एससी कुलश्रेष्ठ द्वारा गुणवत्ता पूर्ण उच्चशिक्षा के क्षेत्र में किये जा रहे अथक प्रयासों की सराहना करते हुये श्रीराम कॉलेज को पश्चिमी उ0प्र0 के विष्वविद्यालयो का पहला ऑटोनोमस कॉलेज होने की घोषणा कीगई।समारोह का प्रारम्भ मुख्य अतिथि कुलपति, मॉ शाकुम्भरी विश्वविद्यालय, सहारनपुर प्रो0 विमलावाई, श्रीराम ग्रुप आफ कालिजेज के चेयरमैन डा0 एससी कुलश्रेष्ठ द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर कुलपति प्रो0 विमलावाई ने कहा कि श्रीराम कॉलेज को स्वयत्तशासी कॉलेज होने का दर्जा प्रदान किया जाना इस महाविद्यालय की गुणवत्तापूर्ण शिक्षण प्रणाली की उत्कृष्टता को प्रदर्शित करता है। उन्होंने कहा कि श्रीराम कॉलेज जिस प्रकार उच्च शिक्षा की पहचान बनकर नैक द्वारा प्रमाणित होकर, सम्पूर्ण भारत में टॉप 25 महाविद्यालयों में शामिल हुआ, उसी तरह अब स्वायत्तशासी कालेज बनकर, उच्च शिक्षा के मानकों को और ऊँचाईयां प्रदान करेगा एवं विद्यार्थियों को व्यवहारिक शिक्षा के माध्यम से कौशल विकास एवं वर्तमान में ओद्यौगिक मांग के अनुसार रोजगार परक पाठयक्रम पढ़ाकर, उनके भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। उन्होने कहा कि दक्षिण भारत में स्वयत्तशासी महाविद्यालय बहुत है, परन्तु पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इस उपलब्धि का अभाव था, जो श्रीराम कॉलेज के स्वायत्तशासी कॉलेज होने की घोषणा के बाद यह अभाव समाप्त हो गया। उन्होंने कहा कि श्रीराम कॉलेज मॉ शाकुम्भरी विश्वविद्यालय से संबद्धता प्राप्त है, अतः महाविद्यालय की उन्नति एवं प्रसिद्धि होने से विश्वविद्यालय की उन्नति एवं प्रसिद्धि होना स्वतः स्वाभाविक है।
इस अवसर पर श्रीराम ग्रुप आफ कालिजेज के संस्थापक चेयरमैन डा0 एससी कुलश्रेष्ठ ने कहा कि श्रीराम कॉलेज की इस उपलब्धि में महाविद्यालय के सभी शिक्षक व गैर शिक्षक सदस्यों ने अपना सर्वोत्तम योगदान दिया है। उन्होने कहा कि यह उपलब्धि किसी एक व्यक्ति की न होकर सम्पूर्ण श्रीराम परिवार की है। डॉ0 कुलश्रेष्ठ ने कहा कि महाविद्यालय को स्वायत्ता दर्जा प्राप्त होना बहुत अच्छी बात है, परन्तु अब हमारी जिम्मेदारियॉ उच्च शिक्षा के क्षेत्र में और ंभी ज्यादा बढ गयी है। उन्होने आशा व्यक्त की कि श्रीराम कॉलेज से जुड़ा प्रत्येक सदस्य अपनी-अपनी जिम्मेदारियों पर खरा उतरेगा तथा विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा एवं अन्य सुविधाऐं प्रदान करके उनके भविष्य को संवारने का प्रयास करेगा, ताकि श्रीराम कॉलेज के विद्यार्थी जिस भी क्षेत्र में जाये, वहां समाज और देश की सेवा कर महाविद्यालय का नाम रोशन करें ।
श्रीराम कॉलेज के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के डीन डॉ0 विनीत कुमार शर्मा ने कहा कि स्वायत्तशासी महाविद्यालय के रूप में श्रीराम कॉलेज अब महाविद्यालय स्तर पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के नियमों के अनुसार सभी पाठयक्रमों में प्रवेश लेने के लिये स्वतंत्र होगा एवं महाविद्यालय द्वारा ही पाठयक्रमों की शिक्षण सामग्री को वर्तमान परिप्रेक्ष्य में सम्पादित कर पाना सम्भव हो सकेगा। उन्होने कहा कि महाविद्यालय स्तर पर ही छात्रों की परीक्षायें कराकर उनका समय से मूल्यांकन किया जा सकेगा, जिससे शैक्षिक सत्र नियमित रूप से चलेगा। महाविद्यालय द्वारा महाविद्यालय की एकेडमिक काउंसिल में पारित निर्धारित नियमों के अंतर्गत घोषित परीक्षा परिणामों के आधार पर मॉ शाकुम्भरी विश्वविद्यालय द्वारा छात्रों को डिग्री प्रदान की जायेगी। उन्होने कहा कि महाविद्यालय अपने स्तर पर विद्यार्थियों को आधुनिक तकनीकी मांग के आधार पर सर्टिफिकेट कोर्सेज एवं डिप्लोमा कोर्सेज उपलब्ध करा सकेगा जिसकी सम्पूर्ण भारत में मान्यता होगी।
इस अवसर पर श्रीराम ग्रुप आफ कालिजेज के संस्थापक चेयरमैन डा0 एससी कुलश्रेष्ठ ने कहा कि श्रीराम कॉलेज की इस उपलब्धि में महाविद्यालय के सभी शिक्षक व गैर शिक्षक सदस्यों ने अपना सर्वोत्तम योगदान दिया है। उन्होने कहा कि यह उपलब्धि किसी एक व्यक्ति की न होकर सम्पूर्ण श्रीराम परिवार की है। डॉ0 कुलश्रेष्ठ ने कहा कि महाविद्यालय को स्वायत्ता दर्जा प्राप्त होना बहुत अच्छी बात है, परन्तु अब हमारी जिम्मेदारियॉ उच्च शिक्षा के क्षेत्र में और ंभी ज्यादा बढ गयी है। उन्होने आशा व्यक्त की कि श्रीराम कॉलेज से जुड़ा प्रत्येक सदस्य अपनी-अपनी जिम्मेदारियों पर खरा उतरेगा तथा विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा एवं अन्य सुविधाऐं प्रदान करके उनके भविष्य को संवारने का प्रयास करेगा, ताकि श्रीराम कॉलेज के विद्यार्थी जिस भी क्षेत्र में जाये, वहां समाज और देश की सेवा कर महाविद्यालय का नाम रोशन करें ।
श्रीराम कॉलेज के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के डीन डॉ0 विनीत कुमार शर्मा ने कहा कि स्वायत्तशासी महाविद्यालय के रूप में श्रीराम कॉलेज अब महाविद्यालय स्तर पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के नियमों के अनुसार सभी पाठयक्रमों में प्रवेश लेने के लिये स्वतंत्र होगा एवं महाविद्यालय द्वारा ही पाठयक्रमों की शिक्षण सामग्री को वर्तमान परिप्रेक्ष्य में सम्पादित कर पाना सम्भव हो सकेगा। उन्होने कहा कि महाविद्यालय स्तर पर ही छात्रों की परीक्षायें कराकर उनका समय से मूल्यांकन किया जा सकेगा, जिससे शैक्षिक सत्र नियमित रूप से चलेगा। महाविद्यालय द्वारा महाविद्यालय की एकेडमिक काउंसिल में पारित निर्धारित नियमों के अंतर्गत घोषित परीक्षा परिणामों के आधार पर मॉ शाकुम्भरी विश्वविद्यालय द्वारा छात्रों को डिग्री प्रदान की जायेगी। उन्होने कहा कि महाविद्यालय अपने स्तर पर विद्यार्थियों को आधुनिक तकनीकी मांग के आधार पर सर्टिफिकेट कोर्सेज एवं डिप्लोमा कोर्सेज उपलब्ध करा सकेगा जिसकी सम्पूर्ण भारत में मान्यता होगी।
इस अवसर पर पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ0 रविगौतम द्वारा सम्पादित पुस्तक बेसिक्स ऑफ एडर्वटाइजिंग एंड पब्लिक रिलेशंस, कम्प्यूटर एप्लीकेशन एवं बेसिक साइंस विभाग के शिक्षकों द्वारा सम्पादित पुस्तक लर्निंग पाइथनः ए प्रोफेशनल गाईड फॉर बिगनर्स, तथा श्रीराम कॉलेज आफ लॉ की प्रवक्ता डॉ0 हिना गुप्ता द्वारा सम्पादित पुस्तक हिंदू कानून और विवाह समारोह (विवाह के समकालीन रूप और उनके प्रभाव) तथा इसके साथ-साथ महाविद्यालय द्वारा प्रकाशित रिर्सच जनरल प्रबंधनगुरू के स्पेशल एडिसन के रूप में बेसिक साइंस विभाग एवं गृह-विज्ञान विभाग द्वारा किये गये इंटर नेशनल सेमिनार की प्रोसीडिंग तथा कॉमर्स विभाग द्वारा किये गये राष्ट्रीय सेमिनार की प्रोसीडिंग का विमोचन सभी अतिथियों की उपस्थिति में किया गया।
इस अवसर पर ललित कला विभाग द्वारा कार्यक्रम की मुख्य अतिथि कुलपति प्रो0 विमला वाई का चित्र भी उन्हें स्मृति के रूप में भंेट किया गया। इस अवसर पर आईआईएमटी सहारनपुर की प्राचार्य डा. अंजूवालिया द्वारा मुख्य अतिथि कुलपति प्रो0 विमला वाई को स्मृति-चिन्ह व अंगवस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि प्रो0 विमला वाई द्वारा महाविद्यालय परिसर में पौधारोपण भी किया गया। कार्यक्रम के समापन पर डॉ0 विनीत कुमार शर्मा द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
इस अवसर पर संकल्प कुलश्रेष्ठ, मुक्ता कुलश्रेष्ठ, राकेश बिन्दल,राजेश जैन, सुभाष चैधरी, अमित गर्ग, अशोक बालियान, कुशपुरी, डा. पुरूषोत्तम गौतम, टीएस रावत, देवेन्द्र चैधरी, डॉ0 गरिमा जैन, डॉ0 सीमा जैन, डॉ0 अशोक कुमार, डॉ0 प्रेरणा मित्तल, डॉ0 एसएन सिंह, डॉ0 गिरेन्द्र गौतम, डॉ0 आरपी सिंह, निशांत राठी, डॉ0 पूनम शर्मा, डॉ0 सौरभ मित्तल, डॉ0 श्वेता तथा सभी संकायो के विभागाध्यक्ष, प्रवक्ता एवं गैर शिक्षक कर्मचारी उपस्थित रहे।
इस अवसर पर संकल्प कुलश्रेष्ठ, मुक्ता कुलश्रेष्ठ, राकेश बिन्दल,राजेश जैन, सुभाष चैधरी, अमित गर्ग, अशोक बालियान, कुशपुरी, डा. पुरूषोत्तम गौतम, टीएस रावत, देवेन्द्र चैधरी, डॉ0 गरिमा जैन, डॉ0 सीमा जैन, डॉ0 अशोक कुमार, डॉ0 प्रेरणा मित्तल, डॉ0 एसएन सिंह, डॉ0 गिरेन्द्र गौतम, डॉ0 आरपी सिंह, निशांत राठी, डॉ0 पूनम शर्मा, डॉ0 सौरभ मित्तल, डॉ0 श्वेता तथा सभी संकायो के विभागाध्यक्ष, प्रवक्ता एवं गैर शिक्षक कर्मचारी उपस्थित रहे।