मेनस्ट्रीमिंग के तहत एचआईवी कार्यशाला आयोजित, भेदभाव मिटाने पर जोर दिया

शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। जनपद स्तरीय एचआईवी-एड्स कार्यशाला का आयोजन रेडक्रॉस भवन सभागार में किया गया। कार्यशाला की अध्यक्षता मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील तेवतिया ने की। उन्होंने कहा कि एड्स से बचाव के लिए सबसे कारगर उपाय जागरूकता और सही जानकारी है। उन्होंने समाज से अपील की कि एचआईवीध्एड्स संक्रमित व्यक्तियों के साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव न किया जाए। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 सुनील तेवतिया द्वारा समाज से अपील की गई कि एड्स-एचआईवी के मरीजों से कोई भेदभाव नहीं रखा जाये। उन्होंने बताया कि एचआईवी से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए भारत सरकार की टोल-फ्री हेल्पलाइन 1097 पर संपर्क किया जा सकता है। इसके अलावा जिला चिकित्सालय एवं ब्लॉक स्तर पर (बुढ़ाना, जानसठ, खतौली) आईसीटीसी केंद्र स्थापित हैं, जहां लोग निःशुल्क एवं गोपनीय जांच करा सकते हैं।

चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अवनीश कुमार सिंह ने एचआईवी-एड्स अधिनियम 2017 के विभिन्न प्रावधानों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इस अधिनियम में 50 सेक्शन और 14 अध्याय हैं, जिसमें एचआईवी संक्रमित एवं प्रभावित व्यक्तियों के मानवाधिकारों की सुरक्षा, एचआईवी के प्रसार को रोकने एवं नियंत्रित करने के उपाय, संक्रमित व्यक्तियों के प्रति भेदभाव समाप्त करना, एचआईवी संक्रमित व्यक्तियों को प्रभावी देखभाल एवं सहायता उपलब्ध कराना, निःशुल्क इलाज एवं सेवाएं आदि शामिल हैं।

चिकित्सा अधिकारी डॉ. मुजीर बुरहमान ने बताया कि जिला पुरुष चिकित्सालय में एआरटी केंद्र संचालित है, जहां मुजफ्फरनगर एवं शामली जिले के एचआईवी रोगियों को निःशुल्क दवा उपलब्ध कराई जाती है। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. लोकेश चंद्र गुप्ता ने बताया कि एचआईवी संक्रमण के प्रमुख कारण असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित खून चढ़ाना, संक्रमित सुई या इंजेक्शन का उपयोग, गर्भवती माता से शिशु में एचआईवी संक्रमण हो सकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि एड्स छूने, गले लगाने, संक्रमित व्यक्ति के कपड़े पहनने, शौचालय साझा करने, टेलीफोन प्रयोग करने या मच्छर के काटने से नहीं फैलता।

मेनस्ट्रीमिंग कार्यक्रम के तहत जनपद के खतौली, जानसठ, बुढ़ाना, पुरकाजी और चरथावल ब्लॉक में संवेदीकरण कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है, ताकि आमजन को एचआईवी से बचाव की जानकारी दी जा सके। डॉ. गुप्ता ने बताया कि एड्स अधिनियम 2017 पूरे भारत में 2018 से लागू है, जो स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं एवं संक्रमित व्यक्तियों के अधिकारों की रक्षा करता है। कार्यशाला में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, मुख्य चिकित्सा अधीक्षिका, ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. पीके त्यागी, विभिन्न ब्लॉक चिकित्सा अधीक्षक, पैरामेडिकल स्टाफ, एएनएम, स्टाफ नर्स, निजी चिकित्सक एवं स्वास्थ्य कर्मी मुख्य रूप से उपस्थित रहे।

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