श्रीराम कॉलेज आफ लॉ में सेमिनार आयोजित, प्रतिज्ञा तथा नशा मुक्ति भारत के लिए प्रतिज्ञा कार्यक्रम के तहत शपथ भी दिलाई

शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। श्री राम कॉलेज ऑफ लॉ में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आज महिलाओं के अधिकार तथा सामाजिक जिम्मेदारी विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम मंे बतौर मुख्य अतिथि एसडीएम निकिता शर्मा मौजूद रहीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता चैधरी हरचन्द सिंह कॉलेज ऑफ लॉ, खुर्जा के प्राचार्य डॉ0 रविन्द्र प्रताप सिंह ने की। 

महाविद्यालय की प्रवक्ता आंचल अग्रवाल ने कहा कि महिला के सशक्त होने का अर्थ सिर्फ आर्थिक ताकद ही नहीं, बल्कि शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत होना भी है। उन्हांेने कहा कि जिस समाज में नारी सुरक्षित नहीं, वह कभी विकसित नही हो सकता। उन्हांेने कहा कि नारी की सुरक्षा कानून से नहीं, बल्कि समाज की सोच बदलकर होगी। प्रवक्ता मिनी सिंघल ने कहा कि जिस महिला खुद को दूसरे की इज्जत नही अपनी पहचान समझेगी उसी दिन असली बदलाव आयेगा।

छात्रा मेघा ने कहा कि नारी शक्ति वह दीपक है, जो स्वंय जलकर समाज को प्रकाषित करती है। तनु देशवाल ने कहा महिला तब सशक्त होगी, जब एक महिला दूसरी महिला की शक्ति बनेगी प्रतिद्वंदी नहीं। खुशी गहलोत ने कहा आज की महिला तब सशक्त होगी, जब उसे इज्जत मंदिर में नहीं समाज में मिलेगी। इकरा शमीम ने कहा कि अगर कोई नारी ठान ले तो इतिहास स्याही भी उसकी कहानी लिखने के लिए मजबूर हो जाती है। श्रेया ने कहा कि नारी सशक्त है, उसे जागृत करने की आवश्यकता नहीं है। मुस्कान ने कहा कि महिला को कमजोर समझना सबसे बड़ी बीमारी है। हुरैन ने कहा कि महिला सशक्त होने का अर्थ आर्थिक ताकद ही नहीं, बल्कि शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूती भी है।

इस अवसर पर प्रतिज्ञा तथा नशा मुक्ति भारत के लिए प्रतिज्ञा कार्यक्रम के अंतर्गत छात्र-छात्राओं को शपथ भी दिलाई गयी। कार्यक्रम में अतिथियों को प्रतीक चिन्ह भेंट करके उनका सम्मान किया गया। कार्यक्रम संजीव कुमार, सोनिया गौड़, आंचल अग्रवाल, राममनू प्रताप सिंह, आंकाक्षा त्यागी, डॉ0 हीना गुप्ता, रितु धीमान्, मिनी सिंघल, राखी प्रमोद तुपे, तथा विनय तिवारी, प्रीती चैधरी, त्रिलोक आदि का सराहनीय योगदान रहा।

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