होली पर्व पर हुआ प्रहलाद व नृसिंहावतार का पूजन

गौरव सिंघल, सहारनपुर। अपने अंदाज में अनूठी होली मनाने के लिए प्रसिद्ध मोक्षायतन अंतर्राष्ट्रीय योग संस्थान में रंगों का पर्व गुरुदेव पद्मश्री स्वामी भारत भूषण के सान्निध्य में भक्त प्रहलाद और नृसिंहावतार के पूजन के साथ गेंदा गुलाब के फूलों की बौछार तथा मेहंदी हल्दी रोली और चंदन के साथ जमकर होली खेलने के साथ संपन्न हुआ। होलिका के दहन को अपने  लिए सार्थक व देश के लिए उपयोगी बनाने के लिए सभी साधक साधिकाओं ने सपरिवार अपने भीतर के भक्त प्रहलाद को जलाने पर उतारू बुराइयों रूपी होलिका को पहचान कर "तन्मे मन: शिव संकल्पमस्तु " मंत्र के साथ विशाल में यज्ञ में उन्हे जलाकर त्याग देने के भाव से अग्निकुंड में आहुतियां दी। 

योगगुरु पद्मश्री स्वामी भारत भूषण ने इस बात पर चिंता जताई कि होली जैसे पवित्र पर्व को रंग, मौज मस्ती व बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व कहने का ऐसा शॉर्ट कट चला है कि नई पीढ़ी इसकी कथा से ही वंचित हो गई है, उसके सामने भक्त प्रहलाद पर अन्याय करने वाली होलिका और उसका वध करने पर उतारू राजा हिरण्यकश्यप का अंत करने के लिए हुए भगवान नृसिंहावतार की घटना ही नहीं बताई जाती। उन्होंने कहा कि जड़ से अलग हुआ दरख़्त भी जल्द सूख कर मर जाता है। योग गुरु भारत भूषण ने कहा कि हमें ये अच्छे से समझना होगा कि होली प्रेम की परंपरा का पर्व है हुड़दंग व प्रतिशोध पर्व नहीं, यह पवित्रता व स्वच्छता का पर्व है गंदगी का नहीं। इस तथ्य को जानने वाले दूसरी धार्मिक आस्थाओं और दूसरे देशों के लोग भी ना सिर्फ होली के रंग में डूबते हैं बल्कि उन्हें होली के त्यौहार की सालभर प्रतीक्षा रहती है, होली ही नहीं हिंदुओं के किसी भी पर्व में कट्टरता जैसी सोच के लिए कोई स्थान ही नहीं है। 

इस अवसर पर अनेक साधकों ने संबोधन के साथ मोहक भजन प्रस्तुतियां भी दी। पर्व को भव्य व सुंदर रूप में आयोजित करने में नंद किशोर शर्मा, सुमन्यु सेठ, सुभाष वर्मा, ऋषिपाल पंवार, ललित वर्मा, मुकेश शर्मा, कीर्ति, बख्तावर सिंह, मनोज, शिवम वर्मा, योगाचार्या सीमा गुप्ता, विजय सुखीजा, आशुतोष सहगल एडवोकेट, रॉक्सी सिंह आदि की भूमिका को सभी ने सराहा।

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