विद्यालय स्मृति

डाँ. राजीव डोगरा, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। 
आओ कभी फिर विद्यालय की 
दहलीज पर दोबारा 
तुम्हें वह सब नये -पुराने 
ख्वाब मिलेंगे।

आओ कभी फिर शिक्षालय की 
देहली पर दोबारा
तुम्हें शिक्षक की डांटा के बाद 
प्यार की परछाई नज़र आएगी।

आओ कभी फिर ज्ञानमंदिर की 
डेहरी पर दोबारा
तुम्हें जीवन को राह दिखाती
शिक्षक की आवाज आएगी।

आओ कभी फिर विद्या मंदिर की 
चौखट पर दोबारा
तुम्हें ज्ञान का दीप जलाते हुआ 
शिक्षक की कर्मठता नज़र आएगी।
युवा कवि व लेखक गांव जनयानकड़ (कांगड़ा) हिमाचल

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