भारत मां के तीन लाल (शहीद दिवस पर विशेष)

कैलाश भावसार, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। 
अपने  रक्त से तिलक लगाया,
              भारत माँ के भाल पर,
जितना गर्व करें उतना कम,
              मातृभूमि  के लाल पर,

उऋण कभी ना हो पायेंगे,
                 क्रान्ति के दीवानो से 
पार नहीं पा सके थे बुज़दिल,
             जिन तीनों मस्तानो से,
अंग्रेजों से कभी ना भय था,
          अविजित थे जो काल पर 
जितना गर्व करें.....

राज ,भगत,सुखदेव अडिग थे,      
                 देने अपने प्राणों को,
काँप गया जल्लाद देखकर,
               वीरों की मुस्कानों को,
देश प्रेम भारी था देखा,
                  अंग्रेजों की चाल पर
जितना गर्व करें.......

धन्य थे माता और पिता,
         जिनके कुल का वे मान थे,
किया निछावर पुत्रों को,
           कितने वो लोग महान थे,
कर्ज रहेगा तीनों कुल का, 
               भारतवर्ष  विशाल पर
जितना गर्व करें......

हाईस्कूल बापचा, बड़ौद ज़िला-आगर (मालवा) मध्यप्रदेश

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