मदन सुमित्रा सिंघल, शिलचर। असम में अघोषित आपातकाल लागू है। मुख्यमंत्री और पूरे राज्य की भाजपा पार्टी को अब यह समझ आ गया है कि जनता का उन पर से भरोसा उठ गया है। इस वर्ष के विधानसभा सत्र में कुछ अभूतपूर्व घटनाएं घटित हुई हैं। विधान सभा लोकतंत्र का मंदिर है। लेकिन इस बार विधानसभा में जो घटनाक्रम हुआ है, वैसा इतिहास में कहीं नहीं देखा गया। सिलचर जिला कांग्रेस अध्यक्ष अभिजीत पाल ने बुधवार को सिलचर जिला कांग्रेस भवन में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही। आज एक संवाददाता सम्मेलन में विधायक खलील उद्दीन मजूमदार, सूर्यकांत सरकार और अन्य के बगल में बैठे अभिजीत ने कहा कि 21 मार्च को विधानसभा में हुई घटना, जिसमें भाजपा विधायक रूपज्योति कुर्मी ने विधायक शेरमन अली और अखिल गोगोई के खिलाफ हमला बोला, असम विधानसभा सत्र में एक शर्मनाक घटना थी। ऐसी कोई घटना पहले नहीं देखी गयी। लेकिन मुख्यमंत्री ने विधायक रूपज्योति कुर्मी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की और उन्हें संरक्षण दिया। उन्होंने कहा कि यह झूठी कहानी गढ़कर राजनीतिक साजिश रची गई कि कांग्रेस विधायक नूरुल हुदा ने विधानसभा उपाध्यक्ष नोमल मोमिन पर हमला किया है।
अभिजीत ने कहा कि अगर विधायक नुरुल हुदा ने कुछ किया होता तो सीसीटीवी जांच में दिख जाता। लेकिन मुख्यमंत्री ने कहा. ऐसा करने के बजाय, हिमंत बिस्वा शर्मा ने उप-प्रधानाचार्य नोमल मोमिन से विधायक नूरुल हुदा के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने को कहा। इसके अलावा, भाजपा इस घटना को सामने लाकर अगले दिन पूरे राज्य में विरोध कार्यक्रम आयोजित कर राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रही है। इसके अलावा, भाजपा ने इस घटना को धार्मिक और जातीय घटना के रूप में चित्रित करने का भरपूर प्रयास किया है।
आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में अभिजीत पाल ने यह भी कहा कि असम में इस समय आपातकाल चल रहा है। इसलिए अगर कोई बुद्धिजीवी, राजनीतिक नेता या पत्रकार कुछ कहता है या विरोध करता है तो पुलिस बुलाकर उसे गिरफ्तार कर लिया जाता है। इस दिन उन्होंने गुवाहाटी के पत्रकार दिलावर हुसैन मजूमदार की गिरफ्तारी की निंदा की।