शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। एसडी कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज में आज आईक्यूएसी सेल के अंतर्गत तनाव प्रबंधन विषय पर एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में प्राचार्य डॉ. संदीप मित्तल ने तनाव के विभिन्न कारणों और उसके दुष्प्रभावों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि आधुनिक जीवन शैली में तनाव एक आम समस्या बन चुकी है, जिसका प्रभाव हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। उन्होंने तनाव को सकारात्मक रूप से संभालने के लिए ध्यान (मेडिटेशन), योग और समय प्रबंधन जैसी तकनीकों को अपनाने की सलाह दी।
बीबीए विभागाध्यक्ष राजीव पाल सिंह ने तनाव प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि तनाव से बचने के लिए आत्म-नियंत्रण, सकारात्मक सोच और नियमित शारीरिक व्यायाम बेहद आवश्यक हैं। उन्होंने बताया कि तनाव का प्रभाव केवल व्यक्तिगत जीवन तक ही सीमित नहीं रहता, बल्कि यह कार्यस्थल और शिक्षा क्षेत्र में भी बाधा उत्पन्न कर सकता है, इसलिए छात्रों को तनाव प्रबंधन के सही तरीकों को सीखना चाहिए, ताकि वे अपने करियर और व्यक्तिगत जीवन में संतुलन बनाए रख सकें।
कार्यक्रम समन्वयक मौ0 अंजर ने कहा कि तनाव को प्रभावी रूप से प्रबंधित करने के लिए आत्म-जागरूकता बहुत आवश्यक है। छात्रों को अपने समय का सही प्रबंधन करना चाहिए और अनावश्यक चिंता से बचना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि गहरी सांस लेने की तकनीक, संगीत थेरेपी और सामाजिक सहभागिता जैसे उपाय भी तनाव को कम करने में सहायक होते हैं। उन्होंने कहा कि आज की तेजरफ्तार जीवनशैली में तनाव एक आम समस्या बन गई है, लेकिन सही तरीके अपनाकर इसे प्रभावी रूप से प्रबंधित किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि सही खानपान और पर्याप्त नींद लेना भी तनाव प्रबंधन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसकेअलावा परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताना, अपनी रुचियों को समय देना और सकारात्मक सोच विकसित करना भी तनाव को कम करने में सहायक होता है।