शि.वा.ब्यूरो, अहमदाबाद। नवरात्र का पर्व नारी-शक्ति की आराधना को समर्पित है। इस अवसर पर समाज में कन्याओं की पूजा का भी विधान है। बेटियाँ सशक्त होंगी तो समाज भी सशक्त होगा। इस क्रम में डाक विभाग ने नवरात्र में ‘समृद्ध सुकन्या-समृद्ध समाज’ की पहल के तहत 'सुकन्या समृद्धि खाते' खोलने की पहल की है। पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि बालिकाओं के सशक्तिकरण की दिशा में ‘सुकन्या समृद्धि योजना’ अहम् भूमिका निभा रही हैं। ऐसे में नवरात्र के दौरान बेटियों का सुकन्या समृद्धि खाता खुलवाकर एक नई पहल की जा सकती है। इसके तहत मात्र ₹250 से 10 वर्ष तक की बेटियों का खाता डाकघर में खुलवाया जा सकता है। इसमें 8.2 % ब्याज है, जो कि किसी भी लघु बचत योजना से अधिक है। यह खाता बेटियों की पढ़ाई एवं शादी के लिए एक वरदान की तरह है। इसमें एक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम ₹250 और अधिकतम डेढ़ लाख रूपये तक जमा किये जा सकते हैं। इस योजना में खाता खोलने से मात्र 15 वर्ष तक धन जमा कराना होगा। बेटी की उम्र 18 वर्ष होने पर जमा राशि का 50 प्रतिशत व सम्पूर्ण राशि खाता खोलने से 21 वर्ष पूरा होने पर निकाली जा सकती है। वर्तमान में ब्याज दर 8.2 प्रतिशत है और जमा धनराशि में आयकर छूट का भी प्रावधान है।
पोस्टमास्टर जनरल ने बताया कि उत्तर गुजरात परिक्षेत्र के डाकघरों में सुकन्या समृद्धि योजना के 4.67 लाख से भी ज्यादा खाते खोले जा चुके हैं, वहीं पूरे गुजरात परिमंडल में 15.72 लाख से ज़्यादा बेटियों के सुकन्या समृद्धि खाते खोले जा चुके है। गाँवों में डाक चौपाल से लेकर विभिन्न स्कूलों में अभियान चलाकर इससे सभी योग्य बालिकाओं को जोड़ा जा रहा है। उत्तर गुजरात में 711 गाँवों को संपूर्ण सुकन्या समृद्धि ग्राम बना दिया गया है। इन गाँवों में दस साल तक की सभी योग्य बालिकाओं के सुकन्या खाते डाकघर में खोले जा चुके हैं। यही नहीं, इन गाँवों में यदि किसी घर में बेटी के जन्म की किलकारी गूँजती है तो डाकिया तुरंत उसका सुकन्या खाता खुलवाने हेतु पहुँच जाता है।
पोस्टमास्टर जनरल श्री यादव ने कहा कि सुकन्या समृद्धि योजना सिर्फ निवेश का ही एक माध्यम नहीं है, बल्कि यह बेटियों के उज्ज्वल व समृद्ध भविष्य से भी जुडा हुआ है। इस योजना के आर्थिक के साथ-साथ सामाजिक आयाम भी महत्वपूर्ण हैं। इसमें जमा धनराशि पूर्णतया बेटियों के लिए ही होगी, जो उनकी शिक्षा, कैरियर एवं विवाह में उपयोगी होगी। यह योजना बेटियों के सशक्तिकरण के द्वारा भविष्य में नारी सशक्तिकरण और आत्मनिर्भर भारत को भी बढ़ावा देगी।
सहायक निदेशक डाक सेवाएं रितुल गाँधी ने बताया कि सुकन्या समृद्धि खाता खुलवाने के लिए बालिका के जन्म प्रमाण पत्र व आधार की प्रति और उसके माता या पिता के आधार कार्ड एवं पैन की प्रति तथा दो फोटो के साथ नजदीकी डाकघर में संपर्क किया जा सकता है। आयकर की धारा 80 सी के तहत आयकर में डेढ़ लाख तक की छूट का भी प्रावधान इस खाते में है।
गौरतलब है कि नवरात्रि में कन्याओं का बहुत महत्व होता है। इस दौरान कन्याओं को पूजा के लिए घर पर आमंत्रित कर उपहार देने की भी परंपरा है। नवरात्र के दौरान 10 साल तक की बालिकाओं का डाकघर में सुकन्या समृद्धि खाता खुलवाकर कन्या पूजन कर सकते हैं।