डाँ. राजीव डोगरा, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
आओ हम स्कूल चले
नव भारत का निर्माण करें।
छूट गया है जो
बंधन भव का
आओ मिलकर उसको
पार करें,
आओ हम स्कूल चले .....
जाकर स्कूल हम
गुरुओं का मान करें
बड़े बूढ़ों का कभी न
हम अपमान करें,
आओ हम स्कूल चले.......
जाकर स्कूल हम
दिल लगाकर पढ़ेंगे
मौज मस्ती और खेलकूद भी
खूब करेंगे,
आओ हम स्कूल चले.......
क ख ग का गान कर
हम हिंदी का मान बढ़ाएंगे।
एक दो तीन चार पढ़ कर
गणित का ज्ञान भी करेंगे।
आओ हम स्कूल चले.......
युवा कवि व लेखक गांव जनयानकड़ (कांगड़ा) हिमाचल