एसडी कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज में आपदा प्रबंधन पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी सम्पन्न

शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। आज एसडी कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज में आपदा प्रबंधन विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आज विधिवत समापन हुआ, जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों को आपदा की विभिन्न स्थितियों के प्रति जागरूक बनाना, उन्हें व्यवहारिक प्रशिक्षण देना तथा नीतिगत जानकारी उपलब्ध कराना था। संगोष्ठी का दूसरा दिन विद्यार्थियों के लिए अत्यंत ज्ञानवर्धक और रोचक रहा। इस दिन विभिन्न विभागों के छात्र-छात्राओं ने आपदा प्रबंधन से संबंधित विविध विषयों पर प्रस्तुतियाँ (च्तमेमदजंजपवद) दीं। विद्यार्थियों ने अपने विचारों को पोस्टर, पावरपॉइंट, मॉडल्स तथा प्रोजेक्ट्स के माध्यम से प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया। कुछ प्रमुख विषय रहेःजलवायु परिवर्तन और बाढ़ की आपदाएँ, भूकंप के समय बचाव के उपाय, तकनीकी सहायता द्वारा आपदा पूर्व चेतावनी, मनोवैज्ञानिक परामर्श और पुनर्वास के उपाय,सामाजिक सहभागिता द्वारा आपदा प्रबंधन

छात्रों ने समर्पण और उत्साह के साथ अपने शोध और प्रस्तुति कौशल का परिचय दिया। बीसीए विभाग के विद्यार्थियों ने विशेष रूप से आपदा के समय मोबाइल एप्स और तकनीकी समाधान पर केंद्रित प्रस्तुतियाँ दीं, वहीं बीबीए के छात्रों ने आपदा प्रबंधन के नेतृत्व, निर्णय प्रक्रिया और प्रशासनिक तैयारी जैसे प्रबंधन संबंधी पहलुओं को उजागर किया। बीएफए विभाग के विद्यार्थियों ने रचनात्मक पोस्टर और विजुअल प्रदर्शनी के माध्यम से जन-जागरूकता को उभारा। संगोष्ठी का मुख्य आकर्षण रहा प्रश्नोत्तर सत्र, जिसमें छात्रों ने एनडीएमए नई दिल्ली की वरिष्ठ सलाहकार डॉ. दीपाली से सीधा संवाद किया। छात्रों ने आपदा प्रबंधन के व्यावहारिक पक्षों, सरकारी योजनाओं, व्यक्तिगत सुरक्षा, तकनीकी साधनों, तथा प्रशिक्षण कार्यक्रमों को लेकर उत्सुकतापूर्वक प्रश्न पूछे। डॉ. दीपाली जैन ने अत्यंत सरल भाषा में उत्तर देते हुए छात्रों को वास्तविक उदाहरणों से समझाया कि किस प्रकार छक्ड। देश में आपदा प्रबंधन की नीति को लागू करता है और युवाओं की इसमें कितनी महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है।

सत्र के दौरान प्राचार्य डॉ. संदीप मित्तल ने कहा कि यह अत्यंत संतोष का विषय है कि हमारे छात्र-छात्राओं ने विषय में गहरी रुचि ली और इतने प्रभावशाली ढंग से अपने विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा कि इससे यह स्पष्ट होता है कि आने वाली पीढ़ी न केवल सजग है, बल्कि समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को भी समझती है। बीसीए विभागाध्यक्ष डॉ. संजीव तायल ने तकनीकी पक्ष पर जोर देते हुए कहा कि वर्तमान डिजिटल युग में आईटी और डेटा विश्लेषण की मदद से हम आपदा की पूर्व सूचना और राहत कार्यों को काफी बेहतर बना सकते हैं। बीबीए विभागाध्यक्ष राजीव पाल सिंह ने छात्रों की प्रस्तुति की सराहना करते हुए कहा कि आपदा प्रबंधन जैसे विषय पर प्रबंधन के दृष्टिकोण से विचार करना आज की आवश्यकता है। बीएफए विभागाध्यक्ष कुमार वैभव ने विद्यार्थियों की कलात्मक अभिव्यक्ति की सराहना करते हुए कहा कि रचनात्मक माध्यमों द्वारा समाज में जागरूकता फैलाना सबसे प्रभावशाली तरीका हो सकता है।

कार्यक्रम की समन्वयक डॉ. संगीता गुप्ता ने बताया कि इस दो दिवसीय संगोष्ठी का उद्देश्य केवल ज्ञान का आदान-प्रदान नहीं, बल्कि छात्रों को इस विषय से जुड़ाव का अनुभव कराना था। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को उनके प्रयासों के लिए बधाई दी और कहा कि यह आयोजन विद्यार्थियों के व्यक्तित्व निर्माण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। संगोष्ठी में उपस्थित संकाय सदस्यों में बीबीए विभाग से दीपक गर्ग, सोनिका, प्राची, संजय शर्मा, अभिषेक बागला तथा बीसीए विभाग से रॉबिन गर्ग, चंदना दीक्षित, हर्षित, हर्षिता, अनुज गोयल, मोहित गोयल, देवेश भारद्वाज, निरंकार शर्मा, वैभव वत्स, राहुल शर्मा, श्वेता, रॉबिन मलिक, प्रशांत गुप्ता, विनिता चैधरी, सतीश, अमिततथा शशांक भारद्वाज की सक्रिय उपस्थिति रही। सभी शिक्षकों ने विद्यार्थियों को मार्गदर्शन एवं प्रोत्साहन प्रदान किया।

कार्यक्रम का समापन डॉ. संदीप मित्तल द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। कार्यक्रम के अंत में विद्यार्थियों को सहभागिता प्रमाण पत्र वितरित किए गए। 

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