विश्व बाजार में अस्थिरता के बावजूद सहारनपुर के हस्तशिल्प की धूम

गौरव सिंघल, सहारनपुर। हाथ से बने लकड़ी की नक्काशी हो या हाथ से बुने  आकर्षक वस्त्र हो, फर्नीचर, लैंप हो, गिफ्ट आइटम्स हो। सहारनपुर और मुरादाबाद के प्रसिद्ध निर्यातकों के उत्पादों ने दुनिया के 112 देशों के खरीदारों को खूब लुभाया। हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद के तत्वाधान में ग्रेटर नोएडा में इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में 16 अप्रैल से 19 अप्रैल तक आयोजित हस्तशिल्प मेले में अबकी 13 सौ करोड रुपए का कारोबार हुआ है। ओम संस इंडिया हैंडीक्राफ्ट्स मुरादाबाद के निदेशक इश्हान अग्रवाल ने आज सोमवार को बताया कि पिछली बार के हस्तशिल्प मेले में एक हजार करोड़ का विदेशी कारोबार हुआ था। अबकी 300 करोड की वृद्धि इस मायने में अहम है क्योंकि विश्व बाजार में अस्थिरता  का माहौल है। अमेरिका और चीन के बीच नियति शुल्क को लेकर चल रही तनातनी से दुनिया के खरीदार खासे घबराऐं हुए हैं। फिर इपीसीएस खरीदारों को प्रदर्शनी में बड़ी तादाद में लाने में सफल रही। मेले में यूं तो देश भर से तीन हजार के करीब निर्यातक पहुंचे लेकिन सहारनपुर और मुरादाबाद के निर्यातकों की चांदी रही। सहारनपुर के 30-35 निर्यातक मेले में गए थे। राम जी सुनेजा का कहना था कि कारोबार उम्मीद के मुताबिक तो नहीं रहा लेकिन कम से कम आधे निर्यातक विदेशी खरीदारों से मिले ऑर्डर से संतुष्ट है। सहारनपुर के सबसे बड़े वुड कार्विंग के उत्पादों के निर्माता एवं निर्यातक असलम सैफी ने कहा कि उनके स्टाल पर पहले मेलों की तुलना में ज्यादा अमेरिकी खरीदार पहुंचे। अमेरिका ने भारतीय उत्पादों पर शुल्क वृद्धि के प्रस्ताव पर 90 दिनों की जो रोक लगाई है उसका पूरा लाभ सहारनपुर के लकड़ी के कारोबारियों खासकर उनकी फर्म रोनन एंड अरशद को खूब मिला। सभी निर्यातकों की राय इश्हान अग्रवाल, रामजी सुनेजा और असलम सैफी जैसी नहीं है। 

मुरादाबाद के सेविंन सीज इंटरनेशनल फर्म के निदेशक निर्यातक अब्दुल अजीज का कहना है कि विदेशी ग्राहक उनके स्टाल पर बड़ी संख्या में आए पर कारोबार करने को लेकर उनमें हिचक बनी रही। विश्व बाजार में अस्थिरता जब तक रहेगी तो भारतीय निर्यात उससे अवश्य प्रभावित रहेगा। सहारनपुर के बड़े निर्यातक रामजी सुनेजा ने ईपीसीएच अफसरों की इस बात के लिए खास तौर से सराहना की कि चाहिए कि वह विदेशी खरीदारों को बड़ी संख्या में मेले में लाने में सफल रही। इसका लाभ अवश्य यहां के निर्यातकों को मिलेगा। मुरादाबाद की ओम संस इंडिया हैंडीक्राफ्ट्स के निदेशक इशहान अग्रवाल ने बताया कि फर्नीचर, लैंप और सजावटी सामानों की मांग इंग्लैंड, हालैंड आदि देशों में खूब रही। इसी फर्म के रजनीश अग्रवाल और कुलीन अग्रवाल का कहना है कि निर्यातक खासे उत्साहित है। चीन, अमेरिका की खींचतान का लाभ भारतीय निर्यातकों को मिलेगा। इश्हान अग्रवाल ने बताया कि इस बार के मेले में कोई भी चीनी कारोबारी एवं खरीदार नहीं आया। भारतीय कारोबारी उत्साहित है कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मुद्दे को लेकर बहुत जरूरी सक्रियता दिखा रहे हैं। उत्तर प्रदेश में बेहतर कानून व्यवस्था होने से निर्यातकों  में सुरक्षा की भावना मजबूत हुई है। उत्पादन में वृद्धि हो रही है। बांस से बने हस्तशिल्प उत्पादनों के निर्माता एवं निर्यातक संजीव गोयल ने कहा कि वह अपने उत्पादों के यहां अकेले कारोबारी थे। लेकिन विदेशी ग्राहकों से अपेक्षित आर्डर नहीं मिले लेकिन वह निराश नहीं है। खरीदारों ने उनसे पसंदीदा उत्पादों की जमकर तारीफ की। 

सेरेमिक हस्तशिल्प के निर्माता एवं निर्यातक रूप चंद्र लखेरा और कानाराम जाट एवं हरि प्रसाद जाट ने कहा कि उनके उत्पादों ने विदेशियों को खूब आकर्षित किया। ऑर्डर उतने नहीं मिले पर वह हताश नहीं है। लीलन और कॉटन के बेहद आकर्षक दुपट्टों के निर्यातक पंकज मरकैंटाइल कंपनी के निर्देशकों सोहेल सरवाइया और योगेश देसाई ने बताया कि ग्राहकों से कुछ खास आर्डर नहीं मिले। अबकी मेला तो अच्छा रहा पर कारोबार बहुत ढीला रहा। गिफ्ट इंटरनैशल के निदेशक रचित अग्रवाल के स्टॉल पर खरीदारों की खूब भीड रही। अब यहां के निर्यातकों की उम्मीद अक्टूबर के मेले पर लगी है। उन्हें लगता है कि इस मेले की कमी आगे पूरी हो जाएगी।

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