जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण ने हीट वेव के खतरों से चेताया, बचाव के तरीके भी बताए

शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर।  जैसे-जैसे गर्मी बढ रही है, उसी तरह लू का प्रकोप भी शुरू हो गया है। हीट वेव से होने वाली संभावित जनहानि एवं होने वाले अग्निकाण्ड के मद्देनजर एक बार फिर जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण की ओर से स्पष्ट किया गया है कि हीट वेव जानलेवा है, इससे बचाव नहीं किया गया तो जान भी जा सकती है। इसके लिये कहा गया है कि दोपहर का समय सबसे ज्यादा नुकसानदायक है। ऐसी स्थिति में किसी भी निर्माण कार्य में लगे श्रमिकों को दोपहर के समय कार्य न करने की हिदायत दी गयी है। आम जनता से कहा गया है कि *दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच खुली धूप में न निकलें। यथासंभव घर की निचली मंजिल पर रहें। तंग कपडे न पहनें। बासी एवं संक्रमित भोजन का प्रयोग न करें। अधिक से अधिक पेयजल का प्रयोग किया जाये। स्कूलों को भी निर्देशित किया गया है कि दोपहर की तेज गर्मी के समय कक्षाओं का संचालन न हो।बच्चों की हीट वेव से सुरक्षा को प्राथमिकता पर रखा जाये।

यह जानकारी देते हुये अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व गजेन्द्र कुमार ने बताया कि गर्मी में लापरवाही जानलेवा हो सकती है। ऐसी स्थिति में जो एडवाइजरी जारी की गयी है, उसका अनुपालन किया जाये तो हीट स्ट्रोक से बचा जा सकता है। अपर जिलाधिकारी गजेन्द्र कुमार ने कहा कि हीट वेव की स्थिति शरीर के कार्यप्रणाली पर प्रभाव डालती है, जिससे मृत्यु भी हो सकती है। इसके प्रभाव को कम करने के लिये निम्न तथ्यों पर ध्यान देना चाहिये। उन्होनें बताया कि बचाव के लिये अधिक से अधिक पानी का सेवन किया जाये। हल्के रंग के पसीना शोषित करने वाले सूती वस्त्र पहने। धूप के चश्मे, छाता, टोपी व चप्पल का प्रयोग करें। उन्होने बताया कि यह समय हीट वेव से सबसे ज्यादा प्रभावित होता है, ऐसी स्थिति में सावधानियां बरती जाये। सभी स्कूल, कालेजों व सरकारी कार्यालयों को पहले ही प्राथमिक चिकित्सा किट की उपलब्धता के लिये कहा जा चुका है। यदि किसी संस्थान में किट उपलब्ध नहीं मिलती है तो विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय की जायेगी।

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