शि.वा.ब्यूरो, खतौली। पंचदिवसीय भगवान महावीर जन्म महोत्सव के द्वितीय दिन का प्रारम्भ महावीर पूजन, जलाभिषेक, शान्ति धारा व प्रक्षाल से हुआ। प्रातः नित्यनियम पूजन के पश्चात नितिन भैय्या के निर्देशन में भगवान आदिनाथ की स्तुति भक्तामर महामण्डल विधान का आयोजन किया गया। उन्होंने बताया कि यह विधान जीवों के जीवन में शांति की ऊर्जा भर देता हैं। विधान के मुख्य पुण्यार्जक अभय जैन, मोनिका जैन सपरिवार रहे। उनकी और से सभी पाठ में सम्मिलित श्रद्धालुओं को एक बैग का वितरण किया गया। पंकज जैन बर्तन वालो की और से स्टील की डिबिया का वितरण किया गया।
विधान के मध्य में परम् पूजनीय आचार्य श्री भारत भूषण जी महाराज ने भक्तामर स्तोत्र की महिमा के विषय मे बताया और किस प्रकार आत्मा से परमात्मा बना जाता है इस विषय में प्रकाश डाला गया जैनधर्म की अहिंसा एवम भगवान महावीर के जिओ और जीने दो सिद्धान्त की व्याख्या की।दोपहर में अंतरराष्ट्रीय स्याद्वाद महिला मंच की महिलाओं द्वारा जैन धर्म के पुराणों,कथाओं एवम सिद्धान्तों के आधार पर प्रश्न मंच एवम सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गए। सभी विजेताओ को आकर्षक पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। बड़ी संख्या में जैन धर्मावलंबियों ने प्रतिभाग किया और मनोहारी प्रस्तुतियों का आनंद उठाया।
संध्या आरती की शोभायात्रा टीकमगढ़ से पधारे जैन बैंड के साथ सुशील जैन रोहित व आदित्य जैन परिवार की ओर से जैन मंडी से प्रभु का गुणगान करते हुए उत्सव पंडाल पहुँची जहां सभी ने ढोलक मंजीरों की ध्वनि में आरती की प्रवचन में नितिन भैय्या ने बताया कि हम महावीर को मानते हैं महावीर की नही मानते और जिस दिन हम महावीर की मानने लगेंगे, उस दिन भवपार हो जाएंगे।
रात्रि में महिला जैन मिलन द्वारा वैराग्यभाव पैदा करने वाली नाटिका जम्बू स्वामी का वैराग्य का जीवंत मंचन किया गया। जम्बूस्वामी इस काल के अंतिम केवली हुए उनके साथ 527 चोरों ने भी उनकी वीतरागता और वैराग्य देखकर दीक्षा ले ली थी और अपना कल्याण किया। कार्यक्रम में सुशील जैन, हंस कुमार जैन, सुनील जैन, प्रदीप जैन, बालेश्वर जैन, संजय जैन दादरी, अरुण जैन, नीरज जैन, मुकेश आढ़ती, मनोज आढ़ती, वैभव जैन, संजीव जैन, पीयूष जैन, ऋषभ जैन, मुकुल जैन, अजय जैन, प्रीति जैन, बबिता जैन, दर्शिता जैन, स्वाति जैन, अलका जैन, मनीषा जैन आदि समेत भारी संख्या में जैन श्रद्धालु उपस्थित रहे।